प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में योगी की पुलिस अपने प्रशासकीय कर्तव्यों की पूर्ति छोड़ बाकी सारे कारनामे कर रही है। सत्य, निष्ठा और ईमानदारी तो मानो गाली हो उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए। औरैया में सर्राफ से 50 किलो चांदी की लूटने के बाद प्रयागराज पुलिस ने भी अब काहिली के गुल खिलाये हैं।
प्रयागराज के घूरपुर के खटगिया गांव की प्रतिभा देवी पत्नी स्व. रामायण प्रसाद ने चकमार्ग पर अवैध निर्माण की श़िकायत आईजीआरएस पोर्टल पर किया था। जिसकी जांच की जिम्मेदारी विभाग ने गौहनिया चौकी प्रभारी ताराचंद को दे दिया। ताराचंद ने पीड़िता के पति स्वर्गीय रामायण प्रसाद से वार्ता होने का हवाला देकर रिपोर्ट में झगड़े का आपसी मामला बता दिया। जब याची ने अपने मामले पर हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की तब यह राज खुला और सनाका खा गई। चौकी प्रभारी के अनुसार उन्होंने प्रतिभा देवी के पति से बात की थी जबकि प्रतिभा देवी के पति की दो साल पहले मौत हो चुकी है।सवाल उठता है कि आखिर चौकी इंचार्ज ने उनसे बात कैसे कर ली?
जाहिर सी बात है चौकी प्रभारी ताराचंद ने ईमानदारी से अपना काम नही किया और दूसरे पक्ष से पैसे लेकर फर्जी रिपोर्ट लगा दिया। ऐसा याची प्रतिभा देवी का आरोप है। इससे पहले उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें गौहनिया पुलिस चौकी में अवैध वसूली दिखायी गयी थी। गौहनिया चौकी इंचार्ज ताराचंद हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं। कुछ दिन पहले ही गौहनिया पुलिस चौकी में होने वाली अवैध वसूली के लगातार वीडियो वायरल हुआ था। बावजूद इसके आला अधिकारी चौकी इंचार्ज पर इतने मेहरबान हैं कि उन्हें संरक्षण दिए हुए हैं। वही चौकी इंचार्ज फ़र्जी रिपोर्ट लगाकर अधिकारियों को भी गुमराह कर रहे हैं?
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इसी तरह जिला आजमगढ़ में यूपी पुलिस की एक और करतूत सामने आई है। आजमगढ़ के एक सिपाही द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर एक मज़दूर से चार लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिक़ायत पर आरोपी सिपाही के ख़िलाफ़ पुलिस ने मुक़दमा दर्ज़ किया गया है। दरअसल शहर कोतवाली के हीरापट्टी मोहल्ला निवासी अमर बहादुर राम पेशे से मजदूर हैं। दो साल पहले बेरोज़गारी के दौरान उसकी मुलाकात बिलरियागंज थाने में तैनात सिपाही सिंटू शाह से हुयी। थोड़े ही दिनों में दोनों के बीच दोस्ताना संबंध हो गया और फोन पर बातचीत भी होने लगी। इस दौरान सिपाही ने लखनऊ में बहुत लोगों से जान पहचान का हवाला देकर अमर बहादुर राम से कहा कि वो उसकी सरकारी नौकरी लगवा देगा।
किसी भी विभाग में नौकरी दिलाने के आश्वासन के नाम पर आरोपी सिपाही ने उक्त मज़दूर से से चार लाख रुपए मांगे। एक बेरोज़गार व्यक्ति को और क्या चाहिए नौकरी के सिवाय। तो मज़दूर अमर बहादुर यूरी पुलिस के फरेबी सिपाही के झांसे में आ गया। उसने बैंक खाते से क़रीब डेढ़ लाख निकाले और सगे संबंधियों से कर्ज़ लेकर कुल तीन लाख रुपये का इंतजाम करके अमर बहादुर ने सिपाही को सौंप दिया।
लेकिन दो तीन माह बीत जाने के बाद जब कहीं नौकरी नहीं मिली तो अमर बहादुर को चिंता हुयी। उसने सिपाही सिन्टू से अपने रुपये वापिस मांगे तो वह वर्दी की धौंस दिखाने लगा। इसी बीच सिपाही का तबादला बरदह थाने में हो गया।
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जब अमर बहादुर अपने रुपये की मांग के लिए उसको फोन करता को अक्सर वो फोन नहीं उठाता। कभी फोन उठाता तो उसे किसी फ़र्जी मुक़दमे में फँसाने की धमकी देकर फोन काट देता। थक-हारकर पीड़ित अमर बहादुर ने आरोपी सिपाही के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ करा दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने मीडिया को बताया है कि उन्हें पीड़ित का आवेदन मिला है। आवेदक ने बरदह थाने में तैनात सिपाही के ख़िलाफ़ तहरीर दी है। वहीं आरोपी सिपाही क़रीब डेढ़ माह से मेडिकल छुट्टी पर है। आरोपी सिपाही के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद आवश्यक विधिक कार्रवाई की जायेगी।
सुशील मानव प्रयागराज स्थित गाँव के लोग डॉट कॉम के संवाददाता हैं।
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