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पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में टीएमसी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप, मुर्शिदाबाद में कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या

मुर्शिदाबाद (प. बंगाल)। राजनीतिक और चुनावी हिंसा के लिए चर्चित पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 2023 के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के पहले ही दिन राज्य के मुर्शिदाबाद जिले के खरग्राम में एक कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने हत्या के पीछे तृणमूल […]

मुर्शिदाबाद (प. बंगाल)। राजनीतिक और चुनावी हिंसा के लिए चर्चित पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 2023 के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के पहले ही दिन राज्य के मुर्शिदाबाद जिले के खरग्राम में एक कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ होने आरोप लगाया है। हालांकि, जिला तृणमूल नेतृत्व ने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद जिले में तनाव की स्थिति है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले में मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के पहले ही दिन यानि शुक्रवार, 9 जून को एक कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, यहां हुई हिंसक झड़प में कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं.

वहीं, नामांकन के आज दूसरे दिन भी मुर्शिदाबाद में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच दिनभर भारी झड़प हुई. मुर्शिदाबाद के डोमकल क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. डोमकल में एक स्थानीय टीएमसी नेता बशीर मोल्ला के पास से एक तमंचा बरामद किया गया. उसके कब्जे से हथियार मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस हत्या और हिंसा के विरोध में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं अधीर रंजन ने खारग्राम जाकर घायल कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

कांग्रेस और सीपीएम का आरोप है कि टीएमसी के गुंडे विपक्षी दलों को नामांकन दाखिल करने से रोकना चाहते हैं. पिछले तमाम चुनावों के दौरान भी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने ऐसा ही किया है.

राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने पंचायत चुनाव के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल की मांग की है. भाजपा नेता सुकांत मजुमदार ने कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, पश्चिम बंगाल की पुलिस हर बूथ पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं प्रदान कर सकती। इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद लेनी चाहिए तभी चुनाव निष्पक्ष हो पाएंगे। संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को चुनाव का हिस्सा नहीं बनाना क्योंकि वे अपनी नौकरी बचाने के लिए सरकार की ही सुनेंगे, बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए.

घटना के बाबत अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को खरग्राम में फूलचंद शेख (42) को नजदीक से गोली मारी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को आगामी राज्य पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने का पहला दिन था, जो एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत के साथ शुरू हुआ।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी पत्र

पत्रकारों से बात करते हुए अधीर रंजन ने इस हत्या के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह सत्ताधारी दल की गुंडागर्दी है। स्थानीय प्रशासन हत्यारों को बचाने लगा है। हम तृणमूल कांग्रेस को राज्य में हत्या की राजनीति नहीं करने देंगे।

अधीर रंजन ने आगे कहा कि यह सिर्फ मुर्शिदाबाद नहीं, बल्कि पूरे बंगाल में राज्य की पुलिस और गुंडों के साथ मिलकर टीएमसी लोकतांत्रिक तरीके से कोई चुनाव नहीं होने देना चाहती है। उनकी गुंडागर्दी बहुत बढ़ गई है।

अधीर रंजन चौधरी ने राज्य के राज्यपाल को पत्र लिखकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की मांग की है।

पश्चिम बंगाल से नित्यानंद गायेन 

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