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दिग्गजों की पहली फ़िल्म “धरती के लाल” पर हुई परिचर्चा का प्रीमियर 10 अगस्त को

ख़्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन की पहली फ़िल्म “धरती के लाल” बलराज साहनी, शम्भु मित्रा, जोहरा सहगल, तृप्ति भादुड़ी मित्रा आदि दिग्गज कलाकारों के अभिनय की भी पहली फ़िल्म थी। यह फ़िल्म भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) द्वारा बनाई गई पहली फ़िल्म भी थी और 1943 के बंगाल के भीषण अकाल पर बनी पहली फ़िल्म भी […]

ख़्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन की पहली फ़िल्म “धरती के लाल” बलराज साहनी, शम्भु मित्रा, जोहरा सहगल, तृप्ति भादुड़ी मित्रा आदि दिग्गज कलाकारों के अभिनय की भी पहली फ़िल्म थी। यह फ़िल्म भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) द्वारा बनाई गई पहली फ़िल्म भी थी और 1943 के बंगाल के भीषण अकाल पर बनी पहली फ़िल्म भी थी। फ़िल्म में संगीत विश्व प्रसिद्ध संगीतकार पंडित रविशंकर ने और नृत्य निर्देशन शांतिबर्धन ने दिया था और इसकी कहानी बिजन भट्टाचार्य और कृष्ण चन्दर की लिखी थी।

इस फ़िल्म पर हुई परिचर्चा का प्रीमियर 10 अगस्त 2021 को शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन (इप्टा) के फेसबुक पेज (iptaindia) और यूट्यूब चैनल (IPTA India) पर किया जाएगा। इस परिचर्चा में धरती के लाल और बंगाल के अकाल पर फ़िल्म के अनेक दृश्य दिखाकर और उनकी व्याख्या कर मुख्य प्रस्तुति देंगे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ जया मेहता, कवि-लेखक विनीत तिवारी और इप्टा की संस्कृतिकर्मी सारिका श्रीवास्तव।

फ़िल्म और अब्बास साहब की ज़िंदगी से जुड़े प्रसंग सुनाएँगी प्रसिद्ध लेखिका एवं योजना आयोग की पूर्व सदस्य डॉ. सैय्यदा हमीद (दिल्ली)। चर्चा का संयोजन करेंगे इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश (लखनऊ)। चर्चा में भागीदारी वरिष्ठ पत्रकार रामशरण जोशी (दिल्ली), तनवीर अख्तर (पटना), शशिभूषण (उज्जैन) आदि करेंगे।

1946 में धरती के लाल में बलराज साहनी

कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति रहेगी ओडिशी नृत्य की प्रसिद्ध कलाकार किरण सहगल (दिल्ली), इप्टा की राष्ट्रीय सचिव उषा आठले (मुम्बई) सहित देश के सभी भागों से इप्टा व प्रलेस के कार्यकर्ता एवं इच्छुक जिज्ञासु साथियों की।

इस कार्यक्रम का आयोजन पूर्व में ज़ूम एप पर सीमित दर्शकों-श्रोताओं के बीच किया गया था जिसकी रिकॉर्डिंग का सार्वजनिक प्रसारण फेसबुक प्रीमियर के रूप में 10 अगस्त 2021 को किया जा रहा है।

अब तक इस श्रृंखला में “राही”, “दो बूँद पानी”, “हिना”, “आवारा” एवं “अनहोनी” को केंद्र में रखकर अब्बास साहब की रचनात्मकता और उनके सामाजिक-राजनीतिक सरोकारों पर विस्तृत बातचीत हुई है जिसके वीडियो इप्टा के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं।

 

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