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मणिपुर में जातीय हिंसा की होगी CBI जाँच, 53 अफसरों की सूची जारी

मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच के लिए विभिन्न रैंक की 29 महिला अधिकारियों समेत 53 अफसरों की सूची जारी कर दी गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई जांच के दायरे में आए शुरुआती मामलों के लिए डीआईजी रैंक की दो महिला अधिकारियों समेत 29 महिला अफसरों को शामिल किया गया है। राज्य में […]

मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच के लिए विभिन्न रैंक की 29 महिला अधिकारियों समेत 53 अफसरों की सूची जारी कर दी गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई जांच के दायरे में आए शुरुआती मामलों के लिए डीआईजी रैंक की दो महिला अधिकारियों समेत 29 महिला अफसरों को शामिल किया गया है। राज्य में हिंसा और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को लेकर 65 हजार के अधिक एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें से 11 मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।

इस बीच राज्य में आगामी पांच सितंबर को उपचुनाव भी होने हैं। दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस और सीपीएम के बीच सीधी टक्कर है। उपचुनाव में कांग्रेस और टिपरा मोथा ने कैंडिडेट नहीं उतारे हैं। दोनों दलों ने मतों के विभाजन को रोकने के लिए वाम मोर्चा के कैंडिडेट को सपोर्ट करने का फैसला किया है।

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ज्ञात रहे कि केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट से चुने जाने के कुछ दिनों बाद धनपुर विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से धनपुर विधानसभा सीट खाली थी। मुस्लिम बहुल बोक्सानगर विधानसभा सीट मौजूदा माकपा विधायक समसुल हक के निधन के बाद खाली हो गई थी।

दूसरी तरफ मिली जानकारी के अनुसार, जांच में शामिल तीन उप महानिरीक्षक क्रमशः लवली कटियार (वर्ष 2008 बैच की भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी कटियार वर्तमान में नयी दिल्ली में राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी (RAC) की 12 बटालियन में कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं), निर्मला देवी और मोहित गुप्ता (2006 बैच के आईपीएस हैं और इससे पहले भी वर्ष 2012 में चुनाव आयोग ने उन्हें जिले में तैनाती दी थी। 29 जनवरी 2012 को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था) टीमों का नेतृत्व करेंगे। टीम में पुलिस अधीक्षक राजवीर संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय सहित 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।

अतिरिक्त दो महिला पुलिस अधीक्षक और छह महिला पुलिस उपाधीक्षक को जांच में शामिल किया गया है। मालूम हो कि पुलिस उपाधीक्षक ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी अधिकारी नहीं हो सकते हैं, इसलिए एजेंसी ने जांच की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए तीन डीआईजी और एक एसपी को भेजा है। इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्पेक्टर को भी जांच में शामिल किया गया है।

ज्ञात रहे कि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी भी दो वर्ष बाद संसद में पहुँचते ही मणिपुर मामले को लेकर भाजपा सरकार पर हमलवार हुए थे। राहुल ने अपने 35 मिनट के भाषण में भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर पर विपक्ष को करारा जवाब दिया था। राहुल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए। उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैं रिलीफ कैंप गया। महिलाओं और बच्चों से बात की पर प्रधानमंत्रीजी ने आज तक नहीं किया। सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है। लेकिन प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि आप इस हिंदुस्तान में ही मणिपुर को मारना चाहते हो। आप भारत माता के रखवाले नहीं, आप भारत माता के हत्यारे हो।

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17 मामलों की जांच कर रही CBI

बता दें, हाल ही में मणिपुर हिंसा से सम्बंधित नौ अन्य मामलों की जांच सीबीआई करने वाली है। इससे पहले सीबीआई आठ मामलों की जांच कर रही थी। यानी कुल 17 मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। इन जांच में हिंसा के अलावा, यौन उत्पीड़ के मामले भी शामिल हैं।

हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत 

तीन मई से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग के विरोध में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था, जिसके बाद मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झड़प शुरू हो गई थी।

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

 

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