देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फ़तेहपुर के पास रुद्रपुर गाँव में चल रहे भूमि विवाद से संबंधित एक चौंकाने वाली घटना में छह लोगों की जान चली गई है। हत्या की प्रतिक्रिया के स्वरूप घटित इस घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस के चेहरे से नकाब पूरी तरह से खींच कर बता दिया है की उत्तर प्रदेश की पुलिस राज्य के नागरिकों को सुरक्षा दे पाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है। भूमि विवाद को लेकर लंबे समय से चली आ रही इस शत्रुता में सबसे पहले जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी और उसके बाद प्रतिद्वंद्वी गुट के सत्य प्रकाश दुबे की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी। अन्य मृतकों में दो बच्चे, एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इलाके में पुलिस टीमें और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।
इस भयावह घटना के बाद पूरे इलाके में उथल-पुथल की स्थिति है और बढ़ते तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कानून प्रवर्तन अधिकारी मामले की गहन जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और गांव में अशांति और तनाव का माहौल है।
देवरिया जिले के कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में, दो परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद में सोमवार सुबह सात बजे सत्य प्रकाश दुबे और उनके सहयोगियों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की पीट-पीट कर हत्या कर दी। यह खबर सामने आते ही प्रेम यादव के लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर पर भी हमला बोल दिया। सूत्रों के अनुसार भीड़ इतना ज्यादा आक्रोशित थी कि पहले सत्य प्रकाश दुबे को पीटा गया और बाद में गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस घटना के आक्रोश की चपेट में आ जाने से दो बच्चे, एक महिला तथा एक अन्य पुरुष की भी गोली लगने से मौत हो गई है।
पुलिस के मुताबिक, गांव में काफी समय से जमीन विवाद चल रहा था। यह विवाद सोमवार सुबह लगभग 7:00 बजे शुरू हुआ और इतना बढ़ गया कि गोलियां चल गईं, जिसके परिणामस्वरूप छह लोगों की दुखद मौत हो गई। पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। छह लोगों की मौत की खबर से पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है. घटना की फिलहाल जांच चल रही है, कानून प्रवर्तन अधिकारी घातक टकराव की ओर ले जाने वाली घटनाओं को एक साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं। हत्याओं के बाद गांव में तनाव व्याप्त है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। एक संपर्क मार्ग को लेकर यह लड़ाई लंबे समय से चल रही थी जिसका संज्ञान स्थानीय पुलिस को भी था बावजूद इसके पुलिस ने इस मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाया और छोटा सा झगड़ा एक बड़ी हिंसक वारदात में बदल गया।
उत्तर प्रदेश में सरकार भले ही लगातार सुरक्षा की बात कर रही हो पर जमीनी स्तर पर अपराधिक घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। स्थित यह बन चुकी है कि पुलिस अभिरक्षा के भीतर भी लगातार बेखौफ अपराधी हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अपराध के विश्लेषक से लेकर उच्च न्यायालय तक सरकार की अपराध नियंत्रण की कोशिश पर सवाल उठाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हत्या, चोरी और रेप की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। सरकार अपराध के खिलाफ जीरो टालरेंस की भले ही बात कर रही हो पर सच्चाई यही दिखती है कि उत्तर प्रदेश पूरी तरह से अपराध और अपराधी की गिरफ्त में हैं। दबी जुबान यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की जाति विशेष के लोगों में पुलिस का कोई भय नहीं है और वही सबसे ज्यादा दबंगई जैसी घटनाओं में शामिल हैं और उनके खिलाफ पुलिस कोई ठोस कदम उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। सत्ता के दबाव में पुलिस चाहकर भी बहुत से अपराध और अपराधी के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर पा रही है। देवरिया में हुई यह घटना भी अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता के संरक्षण में ही पनपी थी पर ग्रामीण आक्रोश ने सत्ता के करीबी सत्य प्रकाश दुबे के परिवार को ही खत्म कर दिया। यह उत्तर प्रदेश के माथे पर लिखी गई दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिससे सरकार ने समय रहते सबक नहीं लिया तो उत्तर प्रदेश की जमीन बार-बार लहूलुहान होती रहेगी।