मुख्यमंत्री को अपनी फ़रियाद न सुना पाने से निराश था शैलेंद्र खरवार
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर मोबाइल, बाइक और शिकायतों से भरी फाइल छीनने का लगाया आरोप
बलिया। यूपी में इंसाफ न मिलने पर आत्मदाह करने का एक और मामला सामने आया है। बलिया में बीते शुक्रवार यानी तीन नवम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में उनसे मिलने पहुँचे एक बुजुर्ग ने आत्मघाती कदम उठा लिया। घटना बांसडीह के पिंडहरा में हुई। सभा स्थल से सीएम के जाने के बाद उनके मंच से करीब दो सौ मीटर पर बाइक से पेट्रोल निकालकर खुद पर डाल लिया और आग लगा ली। आग लगाते ही हड़कम्प मच गया। किसी तरह आग बुझाई गई और बुजुर्ग को अस्पताल पहुँचाया गया। बुजुर्ग करीब 30 से 35 प्रतिशत झुलस गए हैं। बीएचयू के बर्न वॉर्ड में इलाज करा रहे बुजुर्ग ने बताया कि पहले भी वह सीएम योगी से मिलने लखनऊ स्थित उनके ‘जनता दर्शन’ में भी गया था। शिकायत पत्र दिया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, बलिया के अधिकारी भी उसकी नहीं सुन रहे थे। इस पर वह फिर से सीएम योगी को अपना दुखड़ा सुनाना चाहता था।
जानकारी के अनुसार, तिखमपुर निवासी पीड़ित 52 वर्षीय शैलेंद्र खरवार पुत्र स्व. मोहन प्रसाद अपने दो मामलों को लेकर काफी परेशान हैं। पहले मामले का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि बेल्थरारोड निवासी अवधेश सिंह के साथ मिलकर उन्होंने कुछ ग्राम पंचायतों में अंत्येष्टि स्थल निर्माण का काम ले लिया। 12 लाख रुपये खर्च कर निर्माण कराया गया। इसी बीच पार्टनर की मौत हो गई। उसके परिवार के लोग अब पैसा माँगने पर नहीं दे रहे हैं। इस मामले में अवधेश के परिवार वाले मुझे धमकी भी दे रहे हैं।
दूसरे मामले को लेकर शैलेंद्र बताते हैं कि मेरे पड़ोसी अमिताभ श्रीवास्तव से कई महीनों जमीन का विवाद चल रहा है। हम चार भाई हैं जिसमें दो भाई (युगल-संतोष) द्वारा अपना हिस्सा अमिताभ श्रीवास्तव पुत्र रामराही को बेच दिया गया है। अस्पताल में भर्ती शैलेंद्र कुछ आगे कुछ बोले में असमर्थ हैं। उनकी पत्नी आशा खरवार बताती हैं कि कोरोनाकाल के समय इन्होंने (शैलेंद्र) अमिताभ से कुछ पैसे लिए थे। हमारी एक कट्ठा (एक बिस्वा) ज़मीन पर अमिताभ की नज़र काफी पहले से है। इस ज़मीन को लेकर वह हमारे ज्येठ और देवर से भी बेचने के लिए पैरवी करवा चुके थे। धीरे-धीरे करके अमिताभ ने हम लोगों को लगभग 2 लाख 20 हजार रुपये दे दिए थे। फिर एक दिन हमरे पूछे बिना 15 लाख रुपये मेरे पति के अकाउंट में भेज दिए।
आगे वह बताती हैं कि एक दिन अमिताभ ने मेरे पति को कोर्ट में बुलाया और बहलाकर मेरे मकान के ठीक सामने वाली एक बिस्वा ज़मीन को अपने नाम रजिस्ट्री कर देने की बात करने लगे। हमें तब यह समझ में आया कि वह क्यों हमारी सहायता कर रह थे। आशा ने कहा कि इस समय उस जमीन की किमत 40 से 45 लाख रुपये है। अमिताभ दबंग प्रवृत्ति का है और ज़मीन खरीद-फरोख्त का धंधा भी करता है। ऐसे ही वह लोगों को अपने चंगुल में फंसाता है। इसी की शिकायत लेकर हम बीते 19 फरवरी से शासन-प्रशासन को सिर्फ शिकायत पत्र दे रहे हैं लेकिन हमारी कोई सुनवाई आज तक नहीं हुई। बीते 10 जून को अमिताभ श्रीवास्तव ने उसी एक बिस्वा ज़मीन का गेट उखड़वा दिया। हम इसकी भी शिकायत लेकर 112 पुलिस को बुलाए थे लेकिन उन्होंने कोतवाली जाने की बात कही। इसके बाद जब हम कोतवाली पहुँचे तो उन्होंने पुलिस चौकी भेज दिया। वहाँ से दोबारा कोतवाली आए। पुलिस के इसी रवैए के कारण अमिताभ ने मेरे ज़मीन से गेट उखड़वा दिया। भीषण गर्मी में हमारा परिवार कोतवाली से चौकी, चौकी से कोतवाली दौड़ता रह गया और मनबढ़ ने अपना काम कर लिया।
आशा आगे बताती हैं कि जून से लेकर अक्टूबर तक हमें काफी परेशान किया गया। पुलिस ने हमारी सुनी नहीं और मनबढ़ अमिताभ हमें डराता-धमकाता था। यहाँ तक कि डीएम, एसपी व कोतवाली पुलिस को कई बार शिकायती पत्र देकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी से आज़िज आकर हम बीते नौ अक्टूबर को लखनऊ में सीएम योगी के ‘जनता दर्शन’ में पहुँचकर दोनों मामलों में अपना पत्रक सौंपकर चले आए। वहाँ से हमें आश्वस्त किया गया था कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। पत्नी के साथ जाकर शिकायती पत्र दिया।
पीड़ित शैलेन्द्र खरवार के बेटे अभिषेक खरवार ने बताया कि पापा लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास मेरे साथ ही गए थे। मुख्यमंत्री योगी से शिकायत दर्ज करायी। अभिषेक ने बताया कि तीन अक्टूबर की सुबह उनके पिता ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में साथ चलने को कहा। दो एक ही मोटरसाइकिल पर सवार थे। उसके पिता ने आत्मदाह के किसी इरादे का खुलासा नहीं किया था। शैलेन्द्र के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हमें अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल से कुछ दूर जाकर बाइक से पेट्रोल निकालकर शरीर पर छिड़कने के बाद पापा ने खुद को आग लगा लिया। बीएचयू में बर्न वॉर्ड के डॉक्टरों के अनुसार, शैलेंद्र 30 से 35 फीसदी झुलसे हैं।
पुलिस ने छीन ली शिकायत पत्रों की फाइल और मोबाइल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि आग के प्रकरण के बाद पुलिस ने शैलेंद्र खरवार से उस फाइल को छीन लिया जिसमें सारे शिकायत पत्र थे। मामले को इतना बढ़ता देख पुलिस ने सभी का मोबाइल भी छीन लिया और हमारे मोटरसाइकिल को भी पता नहीं कहाँ रख दिया है? परिवार का आरोप है कि हमारे मोबाइल में इस मामले से सम्बंधित कई ऑडियो और वीडियो हैं, फोटो सहित कुछ कागज़ात भी। हमें डर है कि पुलिस अमिताभ श्रीवास्तव के साथ मिलकर इस पूरे मामले को पलट न दे। मोबाइल और शिकायतों से भरी उस फाइल को हम माँगते रह गए लेकिन पुलस आनाकानी करती रही।
इस मामले को लेकर खरवार जनजाति मोर्चा के प्रदेश संरक्षक आरपी खरवार ने बताया कि जमीन का यह मामला काफी चर्चा में रहा है, क्योंकि पीड़ित परिवार ने इंसाफ के लिए पुलिस प्रशासन को कई बार पत्रक भी सौंपा लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला।
अखिल भारतीय खरवार महासभा के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश खरवार ने बताया कि पीड़ित शैलेंद्र खरवार की बेटी की तरफ से जिलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन दिया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, इस मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के जाने के बाद अधेड़ ने खुद को आग लगाई थी। उसका इलाज बांसडीह सीएचसी में करवाया गया। वहाँ से चिकित्सकों ने बीएचयू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यदि उसकी कोई समस्या है तो उसका निस्तारण किया जाएगा।
बांसडीह कोतवाल योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मेरी ड्यूटी मैरीटार में विधायक के आवास पर थी। सभास्थल के बाहर नहर के पास अधेड़ ने आत्मदाह का प्रयास किया था। बाहर की पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। जबकि सीओ एसएन वैश्य ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इंकार किया।