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केसीआर ने कहा, तेलंगाना अयोग्य लोगों के हाथों में नहीं जाना चाहिये

हैदराबाद, (भाषा)।  भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सुप्रीमो के.चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि अगर राज्य अयोग्य लोगों के हाथों में चला गया तो तेलंगाना में विकास की गति प्रभावित होगी। प्रदेश के सिरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 2014 में जब तेलंगाना राज्य का गठन हुआ था, […]

हैदराबाद, (भाषा)।  भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सुप्रीमो के.चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि अगर राज्य अयोग्य लोगों के हाथों में चला गया तो तेलंगाना में विकास की गति प्रभावित होगी। प्रदेश के सिरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 2014 में जब तेलंगाना राज्य का गठन हुआ था, तब पानी और बिजली आपूर्ति की समस्या, किसानों की आत्महत्या, भूख से मौत और उद्योगों का बंद होना आम बात थी।

उन्होंने कहा, हालांकि, प्रदेश की बीआरएस सरकार ने सभी समस्याओं का समाधान किया है और अब लोगों को विभिन्न कल्याणकारी लाभ प्रदान कर रही है। राव ने दावा किया कि तेलंगाना हर घर में नल से पीने का पानी पहुंचाने वाला देश का एकमात्र राज्य है। उन्होंने अपनी सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला, जिसमें 24 घंटे बिजली आपूर्ति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कल्याण लक्ष्मी योजना और किसानों के लिए ‘रायथु बंधु’ निवेश सहायता योजना शामिल है। उन्होंने किसानों को केवल तीन घंटे बिजली आपूर्ति का कथित तौर पर समर्थन करने और रैयतों के लिए ‘रायथु बंधु’ योजना को ‘व्यर्थ व्यय’ करार देने को लेकर कांग्रेस नेताओं की निंदा की।

मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या यह फिजूलखर्ची है ? केसीआर के नाम से प्रसिद्ध राव ने रैली में मौजूद लोगों से कहा, ‘आपको निर्णय करना चाहिये क्या बेकार है और कौन बेकार है ।’ तेलंगाना गठन का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछली संप्रग सरकार के दौरान राज्य के गठन में देरी की थी। उन्होंने कांग्रेस पर तेलंगाना का (अविभाजित आंध्र प्रदेश बनाने के लिए) आंध्र में ‘जबरदस्ती’ विलय करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी करार देते हुए केसीआर ने कहा कि उसने 2004 में तेलंगाना के गठन के वादे पर बीआरएस (तब टीआरएस) के साथ गठबंधन किया था। राव ने दावा किया कि लोगों के लंबे आंदोलन और उनके अनिश्चितकालीन अनशन के बाद, तत्कालीन संप्रग सरकार ने तेलंगाना के गठन की घोषणा की थी, लेकिन वह फिर से अपनी बात से मुकर गई।

उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के आंदोलन के बाद, देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने बाध्यकारी परिस्थितियों में अलग राज्य के गठन के लिए कदम उठाया। राव ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपनी अपील दोहराई कि उनके जीवित रहते तेलंगाना एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बना रहेगा। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

एआईएमआईएम के उम्मीदवार को लेकर ‘चिंता नहीं’, जुबली हिल्स के लोग मेरे साथ हैं : अजहरुद्दीन

हैदराबाद, (भाषा)।  हैदराबाद के जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी जीत का भरोसा जताते हुए बुधवार को कहा कि वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा उम्मीदवार खड़ा किए जाने को लेकर चिंतित नहीं है। अजहरुद्दीन ने विश्वास जताया कि जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के लोग उनके साथ हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एआईएमआईएम उम्मीदवार जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के वोट विभाजित कर सकते हैं। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने पहली बार जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद राशिद फराजुद्दीन को मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने अपने मौजूदा विधायक एम गोपीनाथ को इस क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।

अजहरुद्दीन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हम अपना खुद का चुनाव लड़ रहे हैं। हमें वास्तव में यह चिंता नहीं है कि कौन क्या कर रहा है। मैं अपना खुद का चुनाव लड़ रहा हूं। यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है और मुझे पता है कि जुबली हिल्स के लोग मजबूती से मेरे साथ खड़े हैं। वे सभी मुझे पसंद करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उनका प्रचार अभियान अच्छा चल रहा है और लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में निर्वाचन क्षेत्र में कोई विकास नहीं हुआ है, इसके अलावा असामाजिक तत्व भी पनप रहे हैं। अजहरुद्दीन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीतेगी और तेलंगाना में सरकार बनाएगी।

राजनीतिक विश्लेषक तेलंकापल्ली रवि ने कहा कि एआईएमआईएम उम्मीदवार कांग्रेस के वोट विभाजित कर सकते हैं जिससे बीआरएस को फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में अजहरुद्दीन के जीतने की गारंटी नहीं है क्योंकि उन पर कई आरोप हैं। कांग्रेस में शामिल होने के बाद अजहरुद्दीन ने 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीते थे। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

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