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चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में हजारों एकड़ की फसल बर्बाद लेकिन पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को राहत की उम्मीद नहीं 

अमरावती (भाषा)।  चक्रवात ‘मिगजॉम’ ने तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ पांच दिसंबर को आंध्र प्रदेश तट पर दस्तक दी और राज्य में हजारों एकड़ की फसलों को तबाह कर दिया जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया है, लेकिन पट्टे पर ली गयी जमीन पर […]

अमरावती (भाषा)।  चक्रवात ‘मिगजॉम’ ने तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ पांच दिसंबर को आंध्र प्रदेश तट पर दस्तक दी और राज्य में हजारों एकड़ की फसलों को तबाह कर दिया जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया है, लेकिन पट्टे पर ली गयी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह मुआवजा शायद उन तक न पहुंचे। उन्होंने कहा कि संभवत: जमीन के मालिक उनके साथ राहत राशि साझा नहीं करेंगे।

नेल्लोर जिला प्रशासन द्वारा साझा की गयी सूचना के अनुसार, 8,400 एकड़ से अधिक की कृषि फसल और 1,700 एकड़ की बागवानी फसल नष्ट हो गयी है। राज्य में फसलों के नुकसान का आकलन अभी किया जाना बाकी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक नोट में कहा गया है कि बारिश का पानी कम होने के बाद कृषि और बागवानी नुकसान का आकलन किया जाएगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, नागरिक आपूर्ति मंत्री के. वेंकट नागेश्वर राव ने मछलीपत्तनम में गोपुवनीपालेम, कोंडीपारु, ताराकातुरु, अर्थामुरु और सुल्तान नगरम गांवों का दौरा किया।

पश्चिम गोदावरी जिले में ताडेरु गांव के पट्टे पर ली गयी जमीन पर खेती करने वाले किसान गिली वेंकेश्वर राव ने ‘भाषा’ से कहा, ‘सरकार जो भी मुआवजा देगी, वह खेत के मालिकों के पास जाएगा, न कि किराये पर खेती कर रहे किसानों के पास….बमुश्किल 10 फीसदी जमीन मालिक किसानों के साथ मुआवजा साझा करेंगे।’

चक्रवात के कारण मची तबाही को याद करते हुए वेंकेटश्वर राव ने बताया कि उन्होंने तीन दिसंबर को बारिश शुरू होने से पहले फसल काट ली थी, लेकिन बारिश में धान भीग गया। उन्होंने कहा कि सर्दी के महीने में चक्रवात आने के कारण बेथापुडी, ताडेरु और तुंडुरु गांवों में सैकड़ों एकड़ धान के खेत जलमग्न हो गए हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बारिश से प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया। शहर के एक राहत केंद्र में रह रहे लोगों को भोजन और जरूरी सामग्री बांटी। राज्य सरकार ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। आधी रात के दौरान भी कई प्रभावित इलाकों में लोगों को नावों से निकाला गया। ग्रेटर चेन्नै पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। शहर की पुलिस ने बुधवार को बताया था कि बारिश से संबंधित घटनाओं में छह लोगों की मौत की सूचना मिली है।

राज्य के मुख्य सचिव शिव दास मीणा ने बताया क‍ि जलभराव वाले इलाकों में भोजन के पैकेट,  दूध और ब्रेड की सप्‍लाई की जा रही है। मीणा ने बताया कि उत्तर और दक्षिण चेन्नै के कुछ इलाकों में विमान के जरिए भोजन के पैकेट गिराए गए हैं। अधिकारी ने कुछ इलाकों में अभी तक बिजली बहाली नहीं किए जाने की बाबत कहा कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए ‘एहतियातन कदम’ के तहत यह किया गया है, क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि किसी को नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा क‍ि हम बिजली सप्‍लाई के लिए तैयार हैं लेकिन किसी की जान को नुकसान नहीं होना चाहिए, किसी पर असर न पड़े, कोई दुर्घटना न हो। किसी स्थान पर बिजली की केबल पानी में हैं तो वहां एहतियातन कदम के तौर पर बिजली सप्‍लाई बहाल करने में देरी है। उन्होंने बताया कि जल स्तर कम होने पर स्थिति बेहतर हो जाएगी।

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