संसद में सुरक्षा चूक पर सवाल उठाने की वजह से अब तक 146 सांसदों को निष्कासित किए जाने के खिलाफ़ आज इंडिया गठबंधन द्वारा बुलाया गया देशव्यापी प्रदर्शन दिल्ली से लेकर और शहरों में चालू है। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में यूपी जोड़ो यात्रा जो दो दिन पहले सहारनपुर से निकली थी, अब बिजनौर पहुँचने वाली है।
आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर कांग्रेस सहित विपक्ष के की नेता इकट्ठा हुए और उन्होंने लोकतंत्र को बचाने का आह्वान किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के नौजवानों से इस आंदोलन में आने को कहा। उन्होंने कहा कि “आज हमारे देश का युवा करीब साढ़े सात घंटे मोबाइल में लगा रहता है। इसका कारण है बेरोजगारी क्योंकि नरेंद्र मोदी जी ने उनसे रोजगार छीन लिया है। ये लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच में है। हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। बीजेपी जितनी नफरत फैलाएगी, INDIA गठबंधन उतनी ही मोहब्बत फैलाएगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मोदीजी और अमित शाहजी ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। ये लोग दलितों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को कुचलने का काम कर रहे हैं। इसलिए हमने देश को बचाने के लिए INDIA गठबंधन बनाया है।”
भारत में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के सांसदों का निलंबन हुआ है। इतने व्यापक स्तर पर हुये निलंबन के विरोध में इंडिया गठबंधन ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया था। दिल्ली में 19 दिसम्बर को इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में निलंबन की निंदा की गई थी। बैठक के बाद गठबंधन की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
LIVE: INDIA leaders protest against suspension of 143 INDIA parties MPs at Jantar Mantar, New Delhi. https://t.co/DiN0P7hC1G
— Congress (@INCIndia) December 22, 2023
खड़गे ने कहा था, “हमने सदन में जो मुद्दा उठाया था, वह गलत नहीं था। संसद की सुरक्षा में चूक सामान्य बात नहीं है, लोग संसद में कैसे दाखिल हुए? किसने उनके प्रवेश में मदद की, इसका जवाब तो देना पड़ेगा।”
विरोध प्रदर्शन में इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के सभी सांसद मौजूद हैं, उनके अलावा गठबंधन के बड़े नेता और पार्टी प्रमुख भी मौजूद हैं। आज विपक्ष द्वारा देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर इंडिया गठबंधन मेन शामिल पार्टियों के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन को 2024 लोकसभा चुनाव की पहली विपक्षी एकता की हुंकार के रूप में भी देखा जा सकता है।
सांसदों के निलंबन के खिलाफ माले समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने किया संयुक्त प्रदर्शन
लोकसभा-राज्यसभा से 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन के देशव्यापी आह्वान पर भाकपा (माले), सपा, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने लखनऊ समेत प्रदेश भर में संयुक्त प्रदर्शन किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भाजपा विपक्ष मुक्त संसद और विरोध मुक्त सड़क चाहती है। इसीलिए सांसदों को थोक में निलंबित किया गया है। इसमें सांसदों की कोई गलती नहीं है। वे तो 13 दिसंबर को लोकसभा में धुएं वाली घटना को लेकर संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर सरकार से सिर्फ बयान देने की मांग कर रहे थे। सदन की सुरक्षा पर सवाल उठाने पर निलंबित किया जाना लोकतंत्र का मखौल उड़ाना है। यह बाबा साहब का भी अपमान है, जिन्होंने संविधान में संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था दी थी। यह सीधे-सीधे मोदी सरकार और भाजपा की तानाशाही है, हिटलरी नाजीवाद है, जो भारत में सर्वथा अस्वीकार्य है। सांसदों का निलंबन वापस लेना होगा।
लखनऊ में विरोध दिवस मनाने के लिए इंडिया गठबंधन के दलों – भाकपा (माले), कांग्रेस, माकपा, भाकपा आदि के कार्यकर्ता दोपहर परिवर्तन चौक पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु की। तभी सपा के कार्यकर्ता भी समूह में आ मिले और सभी दलों ने संयुक्त रुप से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर मार्च शुरु किया। पुलिस की रोकटोक को धता बताते हुए इंडिया के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का जुलूस नारे लगाता हुआ डीएम कार्यालय पहुंच गया, जहां जोरदार प्रदर्शन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।
लखनऊ के अलावा, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, रायबरेली, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, बनारस, भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर, अयोध्या, जालौन में भी विरोध दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के अंत मे राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। ज्ञापन में लोकसभा-राज्यसभा के सभी 146 सांसदों का निलंबन वापस लेने और लोकतंत्र व संविधान पर हमले बंद करने की मांग की गई।
माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मिर्जापुर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। बलिया में श्रीराम चौधरी व लाल साहब, गाजीपुर में ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा व शशिकांत कुशवाहा, चंदौली में अनिल पासवान व शशिकांत सिंह, बनारस में अमरनाथ, मिठाईलाल, कुसुम वर्मा, सोनभद्र में सुरेश कोल व शंकर कोल, गोरखपुर में राजेश साहनी व राकेश सिंह, देवरिया में श्रीराम कुशवाहा, रामकिशोर वर्मा व प्रेमलता पांडेय, भदोही में बनारसी सोनकर, आजमगढ़ में विनोद सिंह व जयप्रकाश, मऊ में वसंत, प्रयागराज में सुनील मौर्य व अनिल वर्मा, लखनऊ में रमेश सेंगर, राधेश्याम मौर्य व मीना, लखीमपुर खीरी में कृष्णा अधिकारी, आरती राय व रामदरश, सीतापुर में अर्जुन लाल, पीलीभीत में अफरोज आलम व देवाशीष, अयोध्या में अतीक अहमद, रायबरेली में विजय विद्रोही, कानपुर में विद्या रजवार व जालौन में राजीव कुशवाहा प्रमुख रुप से प्रदर्शन में शामिल हुए।