धारवाड़ (भाषा)। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने बुधवार को असंतुष्ट भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल से अपील की कि वे राज्य में पिछली भाजपा सरकार के दौरान कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े कथित 40,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करें।
खड़गे ने कहा कि यतनाल को कम से कम विवरण को न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा जांच आयोग को सौंपना चाहिए ताकि कोरोना वायरस संबंधी अनियमितताओं की जांच की जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गेके बेटे प्रियांक खड़गे ने कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े कथित घोटाले में केंद्र सरकार की संलिप्तता का संदेह जताया।
ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, ‘यतनाल ने कहा है कि अगर उन्हें भाजपा से निष्कासित किया जाता है तो वह सभी दस्तावेज (कोविड-19 कुप्रबंधन से संबंधित) जारी कर देंगे। मैं मीडिया के माध्यम से उनसे अपील करता हूं कि कृपया कर्नाटक के लोगों को ध्यान में रखते हुए और उनके हितों की रक्षा के लिए दस्तावेजों को सार्वजनिक करें। या कम से कम उन दस्तावेजों को न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा जांच आयोग के साथ साझा करें।’
The message is loud and clear to BJP President, if BJP initiates any action against Sri. Yatnal, he will release documents of corruption worth 40,000 cr during Sri BSY’s term as CM.@BJP4Karnataka President should answer to the BJP MLA’s allegations.
Did you profit from the… pic.twitter.com/iWxeacA8sq
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) December 27, 2023
यतनाल ने मंगलवार को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो वह बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली कर्नाटक की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कोविड-19 महामारी के चरम पर पहुंचने के दौरान हुई 40,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं का पर्दाफाश कर देंगे।
विधायक ने कहा था, ‘उन्होंने (कर्नाटक में भाजपा सरकार ने) सब कुछ (कोविड के दौरान भारी भ्रष्टाचार) किया। वे मुझे नोटिस दें और पार्टी से निकालने की कोशिश तो करें, मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा।’
खरगे ने कहा कि ये आरोप कांग्रेस के नहीं, बल्कि एक भाजपा विधायक और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के हैं। खरगे ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक से आरोपों पर स्पष्टीकरण की मांग की।
इस सवाल पर कि केंद्रीय स्तर के नेता कोविड-19 के प्रबंधन में अनियमितताओं पर चुप क्यों हैं, खरगे ने कहा कि उन्हें भी अपना हिस्सा मिला होगा।
खरगे ने कहा, ‘क्या हमने उनसे लाशों से पैसा बनाने के लिए कहा था? हम आरोप लगा रहे थे कि चिकित्सा उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था, लेकिन तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जांच आगे नहीं बढ़नी चाहिए और यह अवैध है। क्या आपने कभी सुना है कि अध्यक्ष ने लोक लेखा समिति को लिखा हो? यह स्पष्ट है कि इसमें हर किसी की भागीदारी है – केंद्र और राज्य सरकार की भी।’
यह पूछे जाने पर कि जांच रिपोर्ट कब आने की उम्मीद है, मंत्री ने कहा कि आयोग ने अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की है और वह अब भी इसकी जांच कर रहा है क्योंकि यह 40,000 करोड़ रुपये की भारी अनियमितता से संबंधित है।
खरगे ने कहा कि जब बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे तब उनके बेटे विजयेंद्र पर यतनाल ‘छद्म मुख्यमंत्री’ होने का आरोप लगाते रहते थे। येदियुरप्पा के दूसरे बेटे बी वाई विजयेंद्र को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद येदियुरप्पा और उनके परिवार पर यतनाल हमलावर रहे हैं।
विजयपुरा में उत्तेजित भाजपा विधायक यतनाल ने कहा था, ‘एक मास्क की कीमत 45 रुपये है, श्रीमान येदियुरप्पा, आपकी सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रत्येक मास्क पर कितना खर्च किया? उन्होंने प्रत्येक मास्क की कीमत 485 रुपये रखी थी…।’’
यतनाल ने कहा, ‘उन्होंने (भाजपा सरकार) कहा कि उन्होंने बेंगलुरु में 10,000 बिस्तरों (बेड) की व्यवस्था की है। इन बिस्तरों का किराया…याद रखें कि ये किराए पर ही लिये गये थे…अगर उन्होंने इन्हें खरीदा होता तो उसी कीमत पर दो बिस्तर खरीदे जा सकते थे। वे प्रतिदिन 20,000 रुपये किराया देते थे। ‘सेलाइन स्टैंड’ वाले दो कॉट 20,000 रुपये में खरीदे जा सकते थे। क्या आप जानते हैं कोविड-19 के दौरान उन्होंने एक दिन में कितना खर्च किया?