रोहनिया थाना क्षेत्र के करसड़ा गांव में बीते शुक्रवार को मुसहर परिवारों के घर राजस्व विभाग ने ढहवा दिया था। पीड़ितों का आरोप है कि सरकारी अफसरों के देख-रेख में खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी सामान नष्ट कर दिये। अब तक मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समस्या के समाधान नहीं किया। प्रशासन द्वारा इंसानियत और संवेदना को तार-तार करने वाली कार्यवाही से लगभग 60 से ज्यादा बच्चे-बूढ़े, पुरुष और महिलाएं बेघर होकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गये हैं।
सोमवार को पीड़ित परिवारों की महिलाएं, बच्चे और पुरुष करसड़ा गांव में जिलाधिकारी से मिलने के लिए सत्याग्रह किया और कहा कि समस्या के समाधान हेतु जिलाधिकारी मौक़े पर पहुँचकर न्याय दिलायें। यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
[bs-quote quote=”पीड़ित परिवारों की एक महिला ने बताया कि जिस समय हमारी बस्ती में सामुदायिक पाठशाला खोली जा रही थी, उस वक्त फीता काटने खुद भाजपा विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह आये हुए थे। मकान दिलाने तक का वादा करके गये थे। उस समय हमारी आंखों में चमक उभरी थी और सपना भी दिखा था कि हमारा कुनबा भी शायद समाज की मुख्य धारा में शामिल हो जाएगा, मगर सब कुछ स्वाहा हो गया। सरकार ने अरमानों और आशियानों पर बुलडोज़र चलाकर हमारे सपनों को चकनाचूर कर दिया ।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहता हूॅ कि विगत 17 सितंबर, 2021 को मुसहर बस्ती के जिस सामुदायिक पाठशाला में पीएम मोदी का 71वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया था और जलसा का आयोजन किया गया था, उस पाठशाला को शासन के बुलडोजर ने सबसे पहले निशाना बनाया और गिरा दिया। पीड़ित परिवारों की एक महिला ने बताया कि जिस समय हमारी बस्ती में सामुदायिक पाठशाला खोली जा रही थी, उस वक्त फीता काटने खुद भाजपा विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह आये हुए थे। मकान दिलाने तक का वादा करके गये थे। उस समय हमारी आंखों में चमक उभरी थी और सपना भी दिखा था कि हमारा कुनबा भी शायद समाज की मुख्य धारा में शामिल हो जाएगा, मगर सब कुछ स्वाहा हो गया। सरकार ने अरमानों और आशियानों पर बुलडोज़र चलाकर हमारे सपनों को चकनाचूर कर दिया ।
विधायक ने बस्ती में करायी थी, बिजली की व्यवस्था
बस्ती के लोगों की समस्या को देखते हुए सामुदायिक पाठशाला के बच्चे रोहनिया विधायक से मिले थे, जिस पर विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने अधिकारियों से बात करके बस्ती में बिजली की व्यवस्था कराई थी।
घटना के तीन दिन बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर पीड़ितों ने सत्याग्रह कर सामाजिक संगठनों के सहयोग से छह सदस्यीय समिति बनाकर मौक़े पर ज़िलाधिकारी को आने की माँग रखी है। पूरे मामले की रिपोर्ट और माँग पत्र तैयार कर मौक़े पर ज़िलाधिकारी के आने पर सौंपने तैयारी की है।