झारखंड प्रदेश के हजारीबाग जिले का बड़कागांव प्रखंड, जिसे दस साल पहले धान का कटोरा कहा जाता था। इस प्रखंड में रहने वाले हर लोग कृषि कार्य से जुड़े थे, इस प्रखंड से हरी सब्जियों का निर्यात देश के दूसरे प्रदेशों में किया जाता था। यहां गन्ने की पैदावार अधिक होने के कारण हर गांव में गुड़ बनाने के चार-पांच लघु उद्योग स्थापित थे लेकिन हजारीबाग जिले का सबसे बड़ा अनाज उत्पादन करने वाला प्रखंड, बड़कागांव अब अपनी पहचान खो चुका है। काले कोयले की काली नजर बड़कागांव को लग चुकी है। एनटीपीसी के कोयला खदान लगने के बाद गाँव की खेती और किसान दोनों संकट का सामना कर रहे हैं। जिस बड़कागांव की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर थी वह लगभग तबाह हो चुकी है। ऐसा क्या हुआ कि गाँव की आर्थिक और सामाजिक संरचना बिगड़ने लगी…!