आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए खोले जाते हैं. ये केंद्र गाँव, मोहल्ले कस्बे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराता है, जहाँ बच्चों और मांओं की देखभाल की जाती है। आंगनबाड़ी केंद्रों के ज़रिए, बच्चों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती, जिसमें अनुपूरक आहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा, 3 से 6 साल के बच्चों के लिए विद्यालय पूर्व शिक्षा देते हुए अक्षर ज्ञान कराता है यह देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अहम हिस्सा है।
यह थी खबर – Varanasi: आँगनवाड़ी में बच्चों को नहीं मिल रहा पोषाहार | Ground Report
लेकिन वाराणसी के हरहुआ ब्लाक के सजोई गाँव में मुसहर बस्ती में आंगनवाडी केंद्र की कार्यकर्ता पुष्पा राजभर अपने इस दायित्व का निर्वहन नहीं कर रही थी। दिनांक 26 अगस्त को गाँव के लोग यूटयूब चैनल में अपर्णा ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा राजभर की गाँव वाले व बच्चों के प्रति की जा रही लापरवाही प्रमुखता से उठाया था, इस खबर का असर यह हुआ कि सितम्बर से संचालिका ने आंगनवाड़ी केंद्र समय पर खोल रही है, बच्चों को दी जाने वाली सुविधा प्रदान कर रही है।साथ मुसहर बच्चों से छूआछूत कर, उन्हें केंद्र से भगा देने का काम अब बंद कर चुकी हैं।
गाँव वालों ने फोन के माध्यम से इस बात की जानकारी हुई। नट संघर्ष समिति की कार्यकर्ता प्रीति कुमारी, जिनकी सूचना पर खबर करने गये थे, ने गाँव में जाकर जायज़ा लिया और लोगों से बात की, तब बात सच निकली कि 26 अगस्त को पब्लिश हुई खबर के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता समय से केंद्र खोल बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ उन्हें पढ़ाने का काम भी कर रही हैं।