Monday, June 9, 2025
Monday, June 9, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमराजनीतिचुनाव आयोग के परिसीमन मसौदा प्रस्ताव के विरोध में 12 घंटे बंद...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

चुनाव आयोग के परिसीमन मसौदा प्रस्ताव के विरोध में 12 घंटे बंद का एलान

असम। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के परिसीमन मसौदा प्रस्ताव के विरोध में कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने आज कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में 12 घंटे के बराक घाटी बंद का आह्वान किया है। गौरतलब है कि ईसीआई ने मंगलवार (20 जून) को असम की 126 विधानसभा सीटों और 14 लोकसभा सीटों के लिए […]

असम। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के परिसीमन मसौदा प्रस्ताव के विरोध में कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने आज कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में 12 घंटे के बराक घाटी बंद का आह्वान किया है। गौरतलब है कि ईसीआई ने मंगलवार (20 जून) को असम की 126 विधानसभा सीटों और 14 लोकसभा सीटों के लिए प्रस्तावित परिसीमन का मसौदा जारी किया था। प्रस्ताव के मुताबिक, बराक घाटी में विधानसभा सीटें, जो 2021 के चुनाव तक 15 थीं, घटकर 13 हो जाएंगी।

कई संगठनों, विपक्षी दलों और यहां तक ​​कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी ईसीआई के मसौदे पर असंतोष व्यक्त किया है, और बीडीएफ को तुरंत बंद का आह्वान करना पड़ा।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, संसदीय और विधानसभा का नाम बदला जाएगा और कई की सीमाएं फिर से निर्धारित की जाएंगी। हालाँकि, इस मसौदे का बराक घाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा विरोध किया गया था।

खबर के मुताबिक, पहले इसे 30 जून के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे 27 जून कर दिया। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि इसका संज्ञान लेते हुए हैलाकांडी पुलिस ने बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्ता रॉय को चेतावनी जारी की और उन्हें संज्ञेय अपराध में शामिल न होने के लिए कहा।

रॉय ने कहा है कि ईसीआई को लोगों की राय लेनी चाहिए, लेकिन बराक घाटी के 45 लाख लोगों को अपनी राय पेश करने का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए हम अपनी आवाज सुनाने के लिए ‘बंद’ का आह्वान कर रहे हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के मंत्री परिमल शुक्ला बैद्य, जो ढोलाई विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, ने भी ईसीआई के मसौदे पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा है, ‘मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करता हूं और उनमें से अधिकतर नाम परिवर्तन और जनसांख्यिकीय फेरबदल से नाखुश हैं। एक नागरिक के तौर पर मैं भी खुश नहीं हूँ और हम अपनी राय राज्य सरकार के सामने रखेंगे।’

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Bollywood Lifestyle and Entertainment