मीडिया के पूरी तरह गोदी मीडिया बन जाने के बाद उसका काम केवल सत्ता के जूते चमकाना भर रह गया है। वह लगातार चीख-चीख कर यह प्रचारित कर रहा है कि मोदी राज में सब सुखी और सम्मानित हैं लेकिन सोशल मीडिया पर तमाम ऐसी ख़बरें आ रही हैं, जिसे देखकर लगता है कि हम सभ्यता के किसी नए जंगल में पहुँच गए हैं। इस बात को सत्यापित करने वाली कई घटनाएँ इस बीच चर्चा में आई हैं जिनमें साफ़ तौर पर दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय प्रताड़ित किया गया है। इस तरह की घटनाएँ सबसे ज्यादा उन प्रदेशों से सामने आ रही हैं जहाँ भाजपा की सरकार है। भाजपा शासित राज्यों में आए दिन दलितों-आदिवासियों के साथ बर्बरता की खबरें आ रही हैं। मध्य प्रदेश के सीधी में ब्राह्मण विधायक के ब्राह्मण प्रतिनिधि द्वारा आदिवासी के सिर पर पेशाब करने का मामला अभी ठंडा हुआ नहीं था कि इसी तरह की तीन घटनाएँ और सामने आई हैं। पहला मामला इंदौर, दूसरा मामला ग्वालियर और तीसरा मामला उत्तर प्रदेश का है।
क्या भाजपा के कुशासन ने समाज में इतनी घृणा घोल दी है कि मुट्ठी भर लोग आदिवासी और अन्य वंचित समुदाय से नफरत करने लगे हैं और उनका उत्पीड़न करने के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं। इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही उन लोगों के ऊपर भी कार्यवाही होनी चाहिए जो समाज में इस तरह की विकृत मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता कमल नाथ ने ट्वीट किया है कि- मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार सभी सीमाओं को लांघ गए हैं। आदिवासी समुदाय की पीड़ा को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। सीधी की घटना के बाद जिस तरह से इंदौर के राऊ क्षेत्र में दो आदिवासी बच्चों की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सामने आया है, उसे देखकर रुह कांप जाती है।
मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार सभी सीमाओं को लांघ गए हैं। आदिवासी समुदाय की पीड़ा को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। सीधी की घटना के बाद जिस तरह से इंदौर के राऊ क्षेत्र में दो आदिवासी बच्चों की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सामने आया है, उसे देखकर रूह कांप जाती है।…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 8, 2023
ग्वालियर के सीधी में युवक को चप्पलों से पीटकर खुद को कहलवाया ‘बाप’
ग्वालियर में चलती कार में मुस्लिम युवक मोहसिन को जमकर पीटा जा रहा है। उसके चेहरे पर चप्पलें मारी जा रही हैं। मारपीट कर रहा शख्स युवक से खुद को ‘बाप’ कहलवा रहा है। वह अपने तलवे भी चटवा रहा है। यह वीडियो शुक्रवार की रात सोशल मीडिया पर सामने आया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और शनिवार को आरोपी चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। वीडियो में एक कार सड़क पर फर्राटे से दौड़ती नजर आ रही है। उसमें 4-5 लोग बैठे हैं। तेज आवाज में गाना बज रहा है। एक शख्स एक युवक को बेरहमी से पीट रहा है। इस घटना के दो वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो 36 सेकंड का तो दूसरा 42 सेकंड का है। युवक को पीट रहा शख्स खुद को गोलू गुर्जर बताते हुए कहता है, ‘गोलू गुर्जर कौन है? तेरा बाप।’
वह पीड़ित से अपने पैर भी दबवा रहा है। इसमें एक और आरोपी तेजेन्द्र का नाम भी सामने आया है।
@CMMadhyaPradesh @INCMP 👇👇👇👇 any action against golu gujjar and his gang?#ArrestGoluGurjar https://t.co/SPdbHc7BlK
— Shaddy (@Shaddy503289688) July 8, 2023
इंदौर में आदिवासी भाइयों को पाइप से पीटा, रातभर बनाए रखा बंधक
इंदौर के राऊ थाना क्षेत्र में दबंग द्वारा एक युवक को पाइप से पीटते दिख रहा है। मारपीट करने वाला युवक गालियां भी दे रहा है। वीडियो सामने आने के बाद जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जयस के प्रदेश मीडिया प्रभारी शुभम बुंदेला ने मीडिया को बताया कि घटना शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है। पीड़ित और उसका भाई दोनों नाबालिग हैं। वे धार जिले के नालछा के रहने वाले हैं। दोनों बाइक से जा रहे थे, तभी सड़क पर बाइक फिसल गई और दोनों गिर गए।
मप्र के इंदौर में 2 आदिवासी भाइयों के साथ निर्ममता से मारपीट का ये वीडियो प्रदेश में SC ST वर्ग की वर्तमान परिस्थितियों को बताने काफी है।
शिवराज जी, क्या कैमरे के खातिर इन भाइयों के भी पैरों को धोकर माफी मांगेंगे और फिर अगली वारदात का इंतजार करेंगे? pic.twitter.com/n5bfnCLukg
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 8, 2023
पीछे से आ रहे युवक ने उन्हें रास्ते से बाइक हटाने के लिए कहा और गाली देने लगा। युवक नशे में था। दोनों भाइयों ने गाली देने का विरोध किया तो विवाद हो गया। इसके बाद आरोपी युवक सुमित चौधरी अपने साथियों के साथ दोनों भाइयों को राऊ क्षेत्र में एक जगह ले गया। वहां दोनों को रातभर बंद रखा और जमकर पीटा। शनिवार तड़के जैसे-तैसे दोनों भाई वहां से बाहर निकले और अपने गांव नालछा के सरपंच और परिजन को फोन करके घटना की जानकारी दी। दोनों को इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने मारपीट के दौरान जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।
डीसीपी इंदौर आदित्य मिश्रा के मुताबिक़, बीते सात जुलाई को रात करीब साढ़े नौ बजे दोनों पीड़ित अपने भाई के साथ ट्रेजर फेंटसी के सामने से गुजर रहे थे। वहां उनकी बाइक स्लीप हो गई। इस दौरान वहां तैनात गार्ड्स के साथ उनकी बहस हुई। जिस पर गार्ड्स उन्हें किडनैप कर गार्ड्स हाउस ले गए। वहां उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की। जैसे ही पुलिस को इसके बारे में सूचना मिली। पुलिस तत्काल अस्पताल पहुंची। उसके बाद आरोपियों पर आईपीसी, किडनैपिंग, मारपीट करना, गाली-गलौज करना, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। डीसीपी के अनुसार, मुख्य आरोपी सुमित चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उसका साथी जितेंद्र बघेल और प्रेम शंकर को भी हिरासत में ले लिया गया है। अन्य आरोपियों के भी सामने आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यूपी के सोनभद्र में दलित विद्युतकर्मी को दबंग ने कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई और अपने चप्पल चटवाए
यूपी के राबर्ट्सगंज में तैनात लाइनमैन (संविदा) शाहगंज थाना क्षेत्र के बालडीह गांव में अपने मामा के घर आया हुआ था। बिजली बिल बकाया होने के कारण उसके मामा का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। युवक ने अपने मामा की सहमति से बिजली कनेक्शन को जोड़ दिया। बताया जाता है कि कुछ ग्रामीणों के कहने पर उसने पैसे लेकर कुछ लोगों के कनेक्शन जोड़ दिए।
यह विडिओ सोनभद्र की बताई जा रही है। देखिए योगी के राज में दलित समाज के साथ कितनी अमानवीय और शर्मसार करने वाले कुकृत्य हो रहे हैं।
सामंतों के सत्ता का नशा सर चढ़कर बोल रहा है। @Uppolice @The_Mooknayak @ANINewsUP pic.twitter.com/qTRsYRBCwv
— Anil Yadav INC (@AnilYadavINC_) July 8, 2023
इस बात की जानकारी शाहगंज इलाके में संविदा पर तैनात लाइनमैन तेजबली पटेल को हुई तो वह मौके पर पहुंचा। तेजबली ने बिजली कनेक्शन जोड़ने को लेकर गाली-गलौज शुरू कर दी। आरोप है कि तेजबली ने युवक से रुपये भी छीन लिए। इसके बाद मारपीट की।
वीडियो में तेजबली दलित लाइनमैन को पहले घूसे मारता दिख रहा है। जमीन पर गिरा कर लात मारी। कई बार पैर से पीठ पर मारा। इसके बाद तेजबली ने युवक से चप्पल चटवाए। फिर पूरे ग्रामीणों के सामने उठक-बैठक लगवाई। इस पूरे घटनाक्रम का किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया।
मारपीट करने वाला लाइनमैन तेजबली पटेल गांव अडथा थाना शाहगंज का निवासी है और शाहगंज फीडर पर संविदाकर्मी के रूप में तैनात है। गांव के लोगों ने बताया कि तेजबली दबंग किस्म का है और गांव में कई लोगों के साथ अभद्रता कर चुका है।
दूसरी तरफ, वीडियो सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सीओ घोरावल अमित कुमार ने बताया कि बीते आठ जुलाई को दो वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से मिले हैं। संविदा पर तैनात तेजबली संविदा पर ही तैनात लाइनमैन को पीट रहा है। पीड़ित अपने मामा के घर बाड़डीह में छह जुलाई को आया था। तेजबली ने उसका कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई और अपने चप्पल चटवाए। इस मामले में आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।
मध्य प्रदेश की बड़ी घटनाएँ जिन्होंने संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास किया
मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है, जिसे भाजपा के शब्दों में हम ‘डबल इंजन की सरकार’ कह सकते हैं। दो इंजनों का यह पावरफुल कम्प्रेशर विकास की गाड़ी को कितना आगे ले जा रहा है, इसका जुमला-मिथक यदि छोड़ दिया जाए तो शायद इस इंजन के संचालक भी कोई सही जवाब नहीं दे पायेंगे। जब इनसे जवाब पूछा जाएगा तो शायद यह बताने लगें कि हिंदुत्व खतरे में है और देश का 20% मुसलमान 80% हिन्दुओं के सारे हक़ खा जा रहा है या फिर यह कहें कि हिन्दुओं, यदि तुम अब भी एक नहीं हुए तो आने वाले समय में दुनिया में तुम्हारा कहीं कोई नाम-निशान नहीं होगा। या फिर यह भी कह सकते हैं कि गर्व से कहो हम हिन्दू हैं। इस तरह के बहुत से जाल बुने गए हैं, जिनके सहारे लगातार सामाजिक आखेट किया जा रहा है। उनके निशाने पर मुसलमान हैं, उनके निशाने पर ईसाई हैं। तमाम हिन्दुओं को यह बात अच्छी लगती है, क्योंकि वह मुसलमान नहीं हैं, ईसाई नहीं हैं। …अचानक एक दिन जब किसी दशमत रावत के मुंह पर भाजपा का एक नेता मूत्र विसर्जन कर देता है, तब उसे पता चलता है कि दलित भी उनके निशाने पर हैं। वह दलित का भी शिकार करने निकलते हैं, वह पिछड़े वर्ग का भी शिकार करने निकलते हैं। वह हर उस आदमी का शिकार करने की भावना रखते हैं, जो उनके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा में उनके बराबर की जातीय कुलीनता के हक़दार नहीं हैं या फिर सीधे तौर पर यह कहा सकते हैं कि जो भी सवर्ण नहीं हैं वह उनके लिए शिकार हैं।
He is Pravesh Shukla, BJPian.
He urinated openly on Tribal man. pic.twitter.com/GkcCUbHVYc
— FOR JUSTICE (@ForJustice001) July 5, 2023
दशमत रावत मध्य प्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले आदिवासी हैं, जो मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं। एक दिन जब वह मजदूरी मांगते हैं तो भाजपा का एक नेता और स्थानीय विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला पहले तो उन्हें गालियाँ देता है और बाद में वह अपने जातीय उच्चता के उन्माद में दशमत के मुंह पर पेशाब कर देता है। इतना ही नहीं सत्ता और जातीय श्रेष्ठता के अंहकार को स्थापित करने के लिए वह अपने ‘जातीय गौरव’ के इस कृत्य का वीडियो भी बनवाता है और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर देता है। कई महीने के बाद अचानक यह वीडियो मानवाधिकार के पक्ष में संघर्ष करने वाले लोगों तक पहुँचता है, तब इस वीडियो पर बात शुरू होती है। वीडियो कांग्रेस पार्टी के नेता भी देखते हैं और पूरी मुस्तैदी के साथ भाजपा को घेरना शुरू कर देते हैं। कई महीनों तक खामोश यह बात जब उठती है तो 24 घंटे के अन्दर ही बवंडर बन जाती है। वजह साफ़ थी कि अबकी बार भाजपा का नेता प्रत्यक्षतः वीडियो में मौजूद था, इसलिए भाजपा के किसी भी नेता ने प्रवेश शुक्ला के पक्ष में पैरवी करने की हिम्मत नहीं दिखाई, बल्कि आपदा में अवसर तलाशने के चक्कर में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगाने के साथ अपराध की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही का आदेश दे दिया। दरअसल, चुनाव करीब है और भाजपा लगातार आदिवासी समाज को हिन्दुत्व के आवरण में लपेटकर अपने वोट बैंक में तब्दील करने की कोशिश में लगी हुई है।
दरअसल, भाजपा अपने तमाम सांस्कृतिक एजेंडे समाज पर थोपना चाहती है, पर उसे यह भी पता है कि जिन जातियों की श्रेष्ठता को वह स्थापित करने के प्रयास में लगी हुई है, उनकी सामाजिक भागेदारी कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो पर सामाजिक हिस्सेदारी महज 15 से 20 प्रतिशत ही है। इतने कम वोट की हिस्सेदारी के सहारे वह सरकार नहीं बना सकती, इसलिए वह वोट के लिए पिछड़े, दलित और अब पसमान्दा मुसलमानों को भी अपने साथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहती है। अब राजनीतिक तौर पर भी भाजपा की शब्दावली में ‘दलित, पिछड़े समाज के हक़ और सामाजिक न्याय’ जैसे शब्द बहुतायत में सुनाई देने लगे हैं, पर यह शब्द महज चुनावी जुमले से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। फिलहाल, चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने प्रवेश शुक्ला का बचाव करने का कोई प्रयास सामने से नहीं दिखने दिया। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामला सामने आने के बाद इसे सामान्य घटना की तरह निपटाने का प्रयास शुरू जरूर किया था, पर सत्ता के सुख के लिए पार्टी का हित देखते हुए उन्हें भी पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने वोट की दीवार से झड़ चुके पलस्तर को दुबारा ठीक करने के लिए दशमत रावत को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर अपने हाथ से उनका पैर धुलाया और दूसरी तरफ प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोजर चलाने का आदेश दे दिया गया। दरअसल, यह समाज के दलित और पिछड़े समाज को उसकी औकात बताने के लिए काफी था कि इतने से सम्मान के साथ तुम अपमान की उस पूरी पीड़ा को भूल जाओ कि तुम्हारे मुंह पर पेशाब किया गया है।
#WATCH | Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan meets Dashmat Rawat and washes his feet at CM House in Bhopal. In a viral video from Sidhi, accused Pravesh Shukla was seen urinating on Rawat.
CM tells him, "…I was pained to see that video. I apologise to you.… pic.twitter.com/5il2c3QATP
— ANI (@ANI) July 6, 2023
सत्ता के समानांतर एक और व्यवस्था, जिसे जाति व्यवस्था कहा जाता है, वह अब तक भाजपा की बुलडोजर संस्कृति पर लहालोट हो रही थी तो उत्सवधर्मी राग अलापने में मस्त थी, पर जब एक ब्राह्मण के घर पर बुल्डोजर चला तो अचानक उसे उस क़ानून व्यवस्था की याद आने लगी, जिसके अब तक कुचले जाने में वह आनंद में डूब जाया करता था। अब जबकि ब्राह्मण के घर पर बुलडोजर चला था तो अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने आदिवासी व्यक्ति दशमत रावत के चेहरे पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर को ध्वस्त करने के राज्य सरकार के कदम पर आपत्ति जताने लगे। आरोपी के परिवार को सहायता देने के लिए ब्राह्मण समाज ने 51 हजार रुपये का फंड भी जुटा लिया। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने पत्र लिखकर कहा है कि वे प्रवेश शुक्ला के घर पर सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट जाएंगे। ब्राहमण समाज ने स्वजातीय बंधुओं से अपील भी की है कि आरोपी के परिवार की हर संभव तरीके से सहायता करें।
इससे भी बड़ी और सामाजिक स्थिति को उघाड़ के रख देने वाली खबर यह है कि दशमत रावत का एक नया वीडियो मीडिया में आ चुका है, जिसमें दशमत कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि ‘जो होना था वह हो चुका है, अब सरकार से हमारी बस यही मांग है कि उन्हें छोड़ दिया जाय, गाँव के पंडितजी हैं।’ दरअसल, यह एक शब्द ‘पण्डितजी’ इतना ताकतवर शब्द बन चुका है कि उसके नीचे आज भी एक बड़ा समाज आँख उठाने की हिम्मत नहीं कर पाता।
The pressure politics in #SidhiUrineCase
In the morning Dashmat told me that he is scared and wants protection.
Later he told local media that he wants the 'pandit' Pravesh Shukla accused of Urinating on him to be freed.
Getting it? pic.twitter.com/Nhk1VIQkiQ
— Vishnukant (@vishnukant_7) July 8, 2023
बात यहीं ख़त्म नहीं होती है, बल्कि दशमत का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया है, जिस पर वह प्रवेश शुक्ला को छोड़ देने की अपनी मांग का आशय भी स्पष्ट करते नजर आते हैं और कहते हैं कि ‘इस मामले को और बढ़ाऊंगा तो बाद में जब यह मुख्यमंत्री के सिपाही यहाँ से हट जायेंगे तो मेरी सुरक्षा कौन करेगा? मैं कितने दिन बाजार नहीं जाऊँगा, जब जाऊँगा तो वह लोग कुछ भी करा सकते हैं।’
यह बातें समाज की पूरी स्थिति की कंडीशनिंग की पोल खोल देते हैं कि इस सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा के भीतर आम आदमी को प्रदेश का मुख्यमंत्री भी सरक्षित नहीं महसूस करवा पा रहा है।
यह इकलौती घटना नहीं है, बल्कि मध्यप्रदेश की ही एक और घटना भी है। मध्यप्रदेश के ही शिवपुरी जिले के नरवर थाना क्षेत्र में चोरी का फर्जी आरोप लगाकर दो दलित युवकों अनुज जाटव और संतोष केवट से न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उनके मुँह में मल भी भर दिया गया और जूते-चप्पल की माला पहनाकर उनका जुलूस निकाला गया। सीधी का मामला तूल पकड़ता देख, इस मामले में भी मजबूरन सरकार को कार्यवाही करनी पड़ी।
मध्यप्रदेश : दलित युवकों के साथ अत्याचार की हदें पार, अजमत खान, आरिफ, रहीशा बानो और उसके साथियों ने जूतों की माला पहना मुहँ पर कालिख पोत कर पूरे गांव में घुमाया, दलित युवकों को पीटा, मैला खिलाया और वीडियो बनाकर किया वायरल..वीडियो MP के शिवपुरी का है@BJP4MP @MPDial100 pic.twitter.com/WZ7dP9kQWr
— Dalit Times | दलित टाइम्स (@DalitTime) July 3, 2023
इसी तरह से बिहार से एक घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें रंगदारी ना देने की वजह से एक यादव जाति के युवक के साथ न सिर्फ मार-पीट की जा रही है, बल्कि थूककर उससे चटवाया भी जा रहा है।
https://twitter.com/FasihTaj/status/1674716902252486656?s=20
इसी तरह करनाल जिले में एक दलित शख्स की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि वो सवर्ण जाति के घर में चप्पल पहन कर घुस गया था। सवर्णों ने दलित शख्स की पिटाई की जिससे 50 वर्षीय दलित प्रेमचंद की मौत हो गई।
यह घटनाएँ तात्कालिक हैं, पर पूर्व में इस तरह की घटनाओं का अम्बार लगा हुआ है। राजस्थान में नौ साल के एक दलित बच्चे को उसके ब्राह्मण शिक्षक ने इतना पीटा था कि उसकी मौत ही हो गई थी। इस तरह की अनन्य घटनाएँ रोज-ब-रोज हमारे सामने से गुजरती हैं और हम सब होता हुआ देखते रहते हैं, खुश होते रहते हैं कि अभी हम सुरक्षित हैं।
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पर कभी न कभी तो यह सवाल पूछना ही होगा कि आखिर इतना दुस्साहस करने की हिम्मत इन्हें मिलती कहाँ से है? तो इसका सीधा सा उत्तर है ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’। आज जिस राष्ट्रवाद की हुंकार भरी जा रही है, उसके नेपथ्य में यही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है, जिसे खत्म करने और सामाजिक न्याय की पक्षधरता करने के लिए कुछ राजनीतिक पार्टियाँ जातीय जनगणना की मांग कर रही हैं, पर भाजपा के लिए यह घाटे का सौदा है। भाजपा ब्राह्मणवादी और सामंती धारणा को ताकतवर बनाए रखने के लिए जिस छद्म तरीके से काम कर रही है, उसे जातीय जनगणना के आंकड़े ध्वस्त कर सकते हैं। भाजपा नहीं चाहती है कि उसके हिंदुत्व के आंकड़े में किसी तरह की सेंध लगे। जातीय जनगणना हर जाति-समूह को उसकी वास्तविक ताकत बता देगा तब हर जाति-व्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी के बराबर भागीदारी की भी मांग करेगी। आरक्षण का ढांचा, जो अभी तोड़ा जा रहा है, वह जातीय अनुपात में, हिस्सेदारी की स्थिति में और भी मजबूत हो जाएगा। फिलहाल तो अभी रामराज की आभासी उम्मीद में मूत्रस्नान को अभिशप्त ही दिख रहा है दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज।
कुमार विजय गाँव के लोग डॉट कॉम के एसोसिएट एडिटर हैं।