Thursday, November 21, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

राहुल यादव

जौनपुर-अंबेडकर नगर फोर लेन : बिना मुआवज़ा तथा पुनर्वास तय किए मकानों-दुकानों को जबरन लेने पर उतारू

शाहगंज से अंबेडकरनगर सड़क को फोरलेन बनाने के लिए सड़क के किनारे स्थित मकानों, दुकानों और खेतों में निशान लगा दिया गया है लेकिन इसके लिए पहले न तो ग्राम प्रतिनिधि की नियुक्ति हुई न फ़िजिकल सर्वे हुआ। इन बात से स्थानीय निवासियों में भाय और आक्रोश है तथा वे आंदोलन कर रहे हैं। मुआवज़े और सर्किल रेट को लेकर भी अभी कोई बात स्पष्ट नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार हमारी ज़मीन लेना चाहिती है तो हमें उचित सर्किल रेट से मुआवजा दिया जाय तथा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का पालन किया जाय।

सुल्तानपुर : एक गाँव जहां रोज ट्रांसफ़ार्मर ठीक कराना पड़ता है

बिजली की समस्या और कटौती से देश के ग्रामीण और किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। जुलाई महीने में जब धान लगाने का मौसम था तब बारिश नहीं हुई और नहर में भी पानी नहीं आया। बिजली की बेतहाशा कटौती के कारण किसान अपने खेत की सिंचाई भी सही ढंग से नहीं कर पाए। आज भी कई ऐसे ग्रामीण इलाके है जो प्रतिदिन ट्रांसफार्मर फूंकने की समस्या से जूझ रहे है। बिजली की इसी समस्या पर प्रस्तुत है कमिया गाँव की रिपोर्ट।

सुल्तानपुर : बने इज्जतघर ढह रहे हैं, नए कागज़ पर बन गए हैं

सरकारी दावों के विपरीत, बनाये गए शौचालय आज जर्जर अवस्था में है। लोगों को रोजाना नित्यकर्म के लिए सड़क किनारे जाना पड़ता है। सड़क किनारे मल-मूत्र विसर्जन से गंदगी फैल रही है। लोगों का सड़क किनारे चलना दुश्वार हो गया है और रोगों के फैलने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है।सरकारी दावों एवं हकीकत की पड़ताल करती यह रिपोर्ट ।

पूर्वांचल और पूर्वी अवध की नहरों में पानी नहीं, धान की फसल संकट में

पूर्वांचल के लगभग हर जिले में नहरें सूखी हुई हैं। धान की फसल निजी सिंचाई के साधनों से संभाली जा रही है। यही हाल पूर्वी अवध का भी है। नहरों में बालू जमा है तो माइनरों में घासें उगी हुई हैं। स्थानीय किसानों से बात करने पर पता चला कि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नेताओं के यहाँ जाइए तो वे इस आधार पर हमसे मिलते हैं हैं कि हम उनके वोटर हैं कि नहीं। नहर विभाग से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता।

मंडल कमीशन और जाति जनगणना : शाहूजी महाराज ने सबसे पहले वंचितों को आरक्षण दिया

मंडल आयोग ने पूरी योजना लागू करने के बीस साल बाद इसकी समीक्षा करने की भी सिफारिश की थी। आरक्षण की समीक्षा की बात होती है पर मंडल आयोग की नहीं। सामाजिक-शैक्षणिक पिछड़ापन, गरीबी का मुख्य कारण जाति के कारण उत्पन्न बाधाएं हैं तो ऐसे में मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कर सामाजिक न्याय कायम किया जाए. वर्ण-जाति श्रेणी क्रम आधारित असमानता तोड़ने या कम करने का अभी तक केवल आरक्षण ही कारगर उपाय साबित हुआ है।

Mirzapur का प्रसिद्ध ओझला पुल गंदगी और नशेड़ियों का अड्डा बना

विंध्य की पहाड़ियों की गोद में बसा मिर्जापुर अपने में कई गौरवशाली इतिहास संजोए हुए है। उन्हीं ऐतिहासिक कहानियों में एक है विंध्याचल के रास्ते में बने ओझला पुल की। कहा जाता है कि रास्ता न होने के चलते कॉटन के व्यापारियों ने अपने एकदिन की कमाई से इस पुल का निर्माण कराया था। लेकिन आज यह पुल जर्जर हो गया है।