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भोपाल : बिना अनुमति के चल रहे बालगृह से 26 लड़कियाँ गायब, संस्था के खिलाफ FIR

भोपाल। यहाँ के एक बालगृह से 26 लड़कियाँ गायब पाई गईं हैं। यह बालगृह अवैध तरीके और बगैर किसी अनुमति के चल रहा था। यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो यहाँ निरीक्षण करने पहुँचे। उन्होंने कहा कि यह बाल गृह मान्यता प्राप्त नहीं है और […]

भोपाल। यहाँ के एक बालगृह से 26 लड़कियाँ गायब पाई गईं हैं। यह बालगृह अवैध तरीके और बगैर किसी अनुमति के चल रहा था। यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो यहाँ निरीक्षण करने पहुँचे।

उन्होंने कहा कि यह बाल गृह मान्यता प्राप्त नहीं है और बिना लाइसेंस के चलाया जा रहा है। साथ ही सरकार को सूचना दिए बगैर बच्चियों को यहाँ रखा जा रहा है। इसकी जाँच की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र से संचालित आँचल मिशनरी संस्था के बालिका गृह के निरीक्षण में 68 में से 26 बच्चियाँ लापता मिली थीं। इनमें से ज्यादातर लड़कियाँ अलग-अलग राज्यों की थीं। बाकी जो 41 लड़कियाँ मिली हैं वे रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीहोर, विदिशा समेत राजस्थान, झारखंड, और गुजरात की हैं।

मामले के बाबत भोपाल के एसपी ग्रामीण प्रमोद सिन्हा ने बताया कि लापता लड़कियों के मामले में पूछताछ में पाया गया कि वह बच्चियाँ लापता नहीं हैं, बल्कि अपने माता-पिता के साथ घर वापस चली गईं थी। इसके संबंध में अभी और सत्यापन की कार्रवाई आगे की जा रही है।

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वहीं, भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा इस मामले में संस्था की फंडिंग के सम्बंध में भी जाँच की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई कि आयोग के निरीक्षण दौरान उपस्थित मिली 41 बच्चियों को प्रशासन द्वारा पंजीकृत बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया है।

इसी के साथ कुछ बच्चियों के फॉर्म वहाँ मिले पर वे मौजूद नहीं थीं। उनके सम्बंध में पूछने पर संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चियाँ अपने घर वापस चली गईं हैं। इसकी जाँच पुलिस कर रही है। खबर लिखे जाने तक 12 बच्चियाँ अपने घरों पर मौजूद मिलीं थी, शेष बच्चियों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है।

जिला प्रशासन ने इस मामले में पाई गई लापरवाही पर सीडीपीओ बृजेंद्र प्रताप सिंह (वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा), सीडीपीओ कोमल उपाध्याय और सुपरवाईजर मंजूषा राज को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी और सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इस सम्बंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा था, साथ ही सात दिन में जाँच रिपोर्ट माँगी थी। मामले को लेकर परवलिया थाना ने एफआईआर भी दर्ज की है।

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर लिखा कि भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है।

मामले की गम्भीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने व त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूँ।

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