नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली में दिनोंदिन बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा लाए गए दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम 2023 के बाद राज्य के टैक्सी चालकों ने समान आपूर्ति की सेवा में उनके समकक्षों यानी डिलीवरी बॉय की तरह वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तन करने लिए समय बढ़ाने की मांग की है। इस बाबत आज राष्ट्रीय राजधानी में 1,500 से अधिक बाइक टैक्सी चालकों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र भी लिखा है।
नई दिल्ली में यात्री परिवहन और डिलीवरी सेवाएं मुहैया कराने वाले एग्रीगेटर के विनियमन और लाइसेंस के लिए बनाई गई एक योजना को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्वीकृति के एक दिन बाद उपराज्यपाल को यह पत्र लिखा गया है। यह योजना बाइक टैक्सियों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है और यह अनिवार्य करती है कि एग्रीगेटर को यात्री सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को शामिल करना चाहिए। इसके पहले भी दिल्ली सरकार ने ओड-इवन योजना लागू कर राज्य में प्रदूषण कम करने की पहल की थी।
दिल्ली में कैब्स, बाइक और ऑटो के कामर्शियल प्रयोग को रेगुलेट करने के लिए दिल्ली सरकार की नई एग्रीगेटर पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया गया था। इस पर परिवहन विभाग ने सम्बंधित सभी विभागों के सुझाव भी माँगे हैं।
बतादें, दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम 2022 के नाम से तैयार की गई इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर और सुरक्षित सर्विस मुहैया कराने और इन कम्पनियों की गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करके इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का है। इसके तहत कम्पनियों को टारगेट दिए जाएँगे, जिसके तहत अगले पाँच साल में उन्हें अपना पूरा फ्लीट इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रूप में कन्वर्ट करना होगा। नई एग्रीगेटर पॉलिसी केवल यात्री सेवा ही नहीं, बल्कि फूड डिलिवरी और ई-कॉमर्स सर्विसेज मुहैया कराने वाली कंपनियों को भी रेगुलेट करेगी। इन कंपनियों को यात्रियों की सेफ्टी, सामान की सुरक्षित डिलिवरी और ट्रैफिक नियमों के पालन को सुनिश्चित के साथ-साथ निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित करना होगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 से संबंधित फाइल अब उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी गई है।
बाइक टैक्सी चालकों द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार, ‘योजना में अनिवार्य रूप से कहा गया है कि दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दी जाएगी और अन्य ईंधन प्रकार की बाइक टैक्सियों का संचालन प्रतिबंधित होगा। इस योजना को अधिसूचित करने से सरकार आय के एकमात्र स्त्रोत पर रोक लगा देगी जिससे न सिर्फ हमारा बल्कि हमारे पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है।’
उपराज्यपाल के अलावा भाजपा के सांसद गौतम गंभीर और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को भी पत्र भेजा गया है। योजना में समान आपूर्ति सेवा प्रदाताओं को दोपहिया और तिपहिया वाहनों के बेड़े में छह महीने में 10 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलना होगा, जबकि दो वर्षो में 50 प्रतिशत और चार वर्षों 100 प्रतिशत वाहनों को परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, इस नियम को नौ महीने के भीतर 15%, एक साल के अंत तक 25%, दो साल के अंत तक 50%, तीन साल के अंत तक 75% और चार साल के अंत तक 100% तक बढ़ाया जाएगा। इस नियम के तहत कैब सर्विस प्रदाता कम्पनियों के बेड़े में 1 अप्रैल, 2030 तक केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही रखने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं यदि एग्रीगेटर्स इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो जुर्माने का भी प्रावधान होगा।