मुंबई के गोरेगांव में एक युवक को जातीय आधार पर नौकरी से निकाले जाने का मामला सामने आया है। युवक को नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वह अंबेडकर के विचारों में विश्वास करता है तथा दलित समुदाय से है।
युवक ने 9 अप्रैल को गोरेगांव में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करना शुरू किया था। युवक के वकील दीपक सोनावने द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, ’14 अप्रैल को कम्पनी मालिक नेहा दत्त ने युवक को व्हाट्सएप पर एक मैसेज किया था। इस मैसेज में नेहा ने युवक से पूछा था कि, ‘तू जय भीम वाला है क्या’ इस पर युवक ने जवाब देते हुए हामी भरी थी, इसके बाद नेहा ने उत्तर में लिखा, ‘मैं जय भीम वाले को नौकरी नहीं देती हूँ।’
आपको बता दें इस व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
युवक की शिकायत पर पुलिस ने जाति के आधार पर भेदभाव किये जाने की शिकायत के बाद कंपनी की मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने बताया कि एक ‘इवेंट मैनेजमेंट कंपनी’ के एक कर्मचारी ने जाति के आधार पर भेदभाव किये जाने का आरोप लगाया है जिसके बाद कंपनी की मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि गोरेगांव इलाके में स्थित कंपनी की मालिक ने 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती पर जातिगत पूर्वाग्रह दिखाते हुए एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
अधिकारी ने शिकायत के हवाले से कहा कि उस व्यक्ति को उस दिन अपनी नियोक्ता से व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला जिसमें पूछा गया कि क्या वह एससी (अनुसूचित जाति) समुदाय से है। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति ने हां में जवाब दिया, तो कंपनी की मालिक ने कहा कि वह पिछड़े समुदाय के लोगों को नौकरी पर नहीं रखती है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया, ‘व्हाट्सएप पर संदेशों के आदान-प्रदान के दौरान नियोक्ता ने कहा, ‘मैं जय भीम वाले को जॉब पर नहीं रखती’। इस घटना के बाद कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के तौर पर शामिल हुए व्यक्ति ने अपने माता-पिता को इसके बारे में बताया और फिर गोरेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कंपनी की मालिक के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता वकोला इलाके में रहता है, इसलिए मामले को आगे की जांच के लिए वकोला थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है।