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सरकारी चिकित्सक को कोर्ट ने दी चुनाव लड़ने की अनुमति, सुनाया अनोखा फैसला

जयपुर (भाषा)। मरीजों का इलाज करने के साथ ही डॉक्टर दीपक घोघरा अब राजनीति में भी हाथ आजमाने जा रहे हैं, राजस्थान हाईकोर्ट ने डॉक्टर दीपक को चुनाव लड़ने की इजाजत देते हुए अनोखा फैसला सुनाया है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकारी चिकित्सक को 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने और हारने पर फिर […]

जयपुर (भाषा)। मरीजों का इलाज करने के साथ ही डॉक्टर दीपक घोघरा अब राजनीति में भी हाथ आजमाने जा रहे हैं, राजस्थान हाईकोर्ट ने डॉक्टर दीपक को चुनाव लड़ने की इजाजत देते हुए अनोखा फैसला सुनाया है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकारी चिकित्सक को 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने और हारने पर फिर से ड्यूटी पर लौटने की अनुमति दे दी है। चिकित्सक 43 वर्षीय दीपक घोघरा भारतीय ट्राइबल पार्टी के टिकट पर डूंगरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा के बेटे हैं।

उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने 20 अक्टूबर को एक आदेश में कहा कि ‘प्रतिवादी को आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाग लेने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को चिकित्सा अधिकारी के पद से मुक्त करने का निर्देश दिया जा सकता है और वह याचिकाकर्ता को राज्य विधानसभा चुनाव 2023 चुनाव लड़ने/ भाग लेने की अनुमति दें।’ आदेश में आगे कहा गया है कि प्रतिवादी को कृपया यह निर्देश दिया जाए कि यदि याचिकाकर्ता चुनाव हार जाता है, तो याचिकाकर्ता को तदनुसार चिकित्सा अधिकारी के पद पर वापस काम संभालने की अनुमति दी जाए।’

डूंगरपुर जिला अस्पताल में तैनात दीपक घोघरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह राज्य में पहला ऐसा मामला है जब उच्च न्यायालय ने किसी सरकारी चिकित्सक को चुनाव लड़ने और हारने की स्थिति में फिर से ड्यूटी पर शामिल होने की अनुमति दी है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है तथा इससे और चिकित्सकों के लिए दरवाजे खुलेंगे। उन्होंने कहा कि वह 10 साल से डूंगरपुर में तैनात हैं और स्थानीय लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं एवं उन्हें सीट जीतने का विश्वास है। यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षित लोग आगे आएं और लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में शामिल हों। चुनाव लड़ने के मेरे फैसले को लोगों ने अच्छी तरह से स्वीकार किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि लोगों के साथ मेरे व्यक्तिगत जुड़ाव के कारण, मैं यह सीट जीतूंगा।

घोघरा का मुकाबला भाजपा के बंसीलाल कटारा और कांग्रेस के वर्तमान विधायक और उम्मीदवार गणेश घोघरा से है। बीटीपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 17 उम्मीदवार उतारे हैं और उनमें से दो चिकित्सक हैं। उनमें घोघरा भी शामिल है। राज्य की 200 विधानसभा सीट पर 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि डूंगरपुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है। यहां डॉक्टर दीपक घोगरा का नाम घर-घर में मशहूर है। पिछले दस वर्षों से वह डूंगरपुर अस्पताल में काम कर रहे हैं। उन्होंने करीब 20,000 से ज्यादा डिलीवरी कराई हैं। डॉक्टर के होने के साथ साथ दीपक बच्चों की मदद करने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में पेंसिल, इरेजर और शार्पनर के 20,000 से ज्यादा बॉक्स बांटे हैं। यही वजह है कि उन्हें बॉक्स मैन नाम दिया गया। डॉक्टर दीपक घोगरा के चुनावी अभियान की बात करें तो उनका उनका अभियान काफी अनोखा है। सिंबल के तौर पर वो अपने स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो समाज के लिए उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है और उनकी पहचान भी है। हमेशा की तरह स्टेथोस्कोप उनके गले में लटका रहता है।

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