पटना (भाषा)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)-माले के विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के तीन दिन बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
बिहार विधान सभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा आठ के मुताबिक मंजिल की अयोग्यता 13 अप्रैल से प्रभावी होगी, जो उनको ‘दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाने’ की तारीख है।
भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वामपंथी नेता को जिला मुख्यालय आरा में एमपी-एमएलए अदालत ने आठ साल पुराने हत्या के मामले में दोषी ठहराया था।
भाकपा माले के 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में अब 11 विधायक बचे हैं। पार्टी ने आरोप लगाया था कि मंजिल ‘भाजपा की साजिश का शिकार’ हुए हैं । भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यह भी बताया था कि मंजिल को ‘एक व्यक्ति की हत्या के लिए’दोषी ठहराया गया लेकिन भाजपा के प्रति सहानुभूति रखने वाले जमींदारों के निजी मिलिशिया द्वारा किए गए नरसंहारों में किसी भी आरोपी को दोषी नहीं ठहराया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जीते गए विश्वास मत से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन विधायकों के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जाने के बाद मंजिल की अयोग्यता प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन के लिए भी एक झटका है।