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बीएचयू छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन की फिर से उठी मांग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को दिया ज्ञापन

आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा जल्द सुनिश्चित होगा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू करने के संदर्भ में सर्किट हाउस, कचहरी पहुंच कर ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर को आज एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन […]

आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा जल्द सुनिश्चित होगा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू करने के संदर्भ में सर्किट हाउस, कचहरी पहुंच कर ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर को आज एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देते वक्त छात्रों ने ओबीसी आयोग के अध्यक्ष से कहा कि विगत कई वर्षो से हमारे भाई-बहन अपने इस संवैधानिक अधिकार के लिए बीएचयू सहित अन्य न्यायिक संस्थाओं के समक्ष अपनी बात रख रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी कई बार हम लोग पत्र भेज चुके हैं। वर्तमान सरकार में शामिल पार्टियां और उसके नेता झूठ-मूठ में चिल्ला रहे हैं कि यह सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ की विचारधारा पर चल रही है।

छात्रों की बातें सुनने और उनके द्वारा दिये गये तमाम साक्ष्यों को देखने के बाद ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ के अध्यक्ष ‘ हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि आपकी मांग जायज है, हम आपकी लड़ाई के साथ हैं। हम विश्वास दिलाते हैं कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन को जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जायेगा।

छात्रों ने दिये ज्ञापन में कहा कि विश्वविद्यालय के ही छात्रावासों में संवैधानिक प्रावधान के तहत एससी-एसटी के विद्यार्थियों को क्रमशः 15% और 07.50% आरक्षण दिया जाता है, ओबीसी के विद्यार्थियों को नहीं। एक ही विश्वविद्यालय में जिम्मेदार पदाधिकारियों का यह दोहरा चरित्र कतई ठीक नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना एक तरह से संविधान और सुप्रीम कोर्ट का अवमानना और अवहेलना करना है। और वह भी तब जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ओबीसी फण्ड/अतिरिक्त फण्ड से 29 छात्रावास का निर्माण हुआ हो। महोदय, उक्त छात्रावासों में लगभग 5000 (आरटीआई से प्राप्त सूचना में 4187 कमरों का उल्लेख है और चार ऐसे छात्रावास हैं, जिनमें निर्मित कमरों की संख्या नहीं बतायी गयी है) कमरे बने हैं, जिनमें कम-से-कम 10000 (दस हजार) विद्यार्थी रह सकते हैं। नियमत: उक्त सभी छात्रावासों के रूमों का आवंटन ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट्स को होना चाहिए, क्योंकि ये सब इनके लिए ही बने थे; वह भी स्पेशल ओबीसी फण्ड से। अफसोस की बात यह है कि पिछले 16 वर्ष से हरेक वर्ष हमारे दस हजार भाई-बहनों का हक मारा जा रहा है।

ज्ञापन सौंपने पहुंचे छात्रों ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू नहीं हो जाता, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। ज्ञापन सौंपने पहुंचे छात्रों में शुभम यादव, रत्नेश सिंह, धीरु (धीरेन्द्र यादव), सीपी शिरोमणि, रणवीर सिंह यादव, श्याम बाबु मौर्य, सुमेंद्र प्रताप रेड्डी सहित दर्जनों छात्र उपस्थित थे।

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