वाराणसी। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दखल संगठन ने बीएचयू गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बीएचयू और विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं ने भी शिरकत की। मौके पर दलित बच्ची को न्याय दो! गैंगरेप पीड़िता को न्याय दो! महिला हिंसा बन्द करो! नारी उत्पीड़न बन्द करो! पितृसत्ता नहीं सहेंगे! समता समानता आज़ादी… आदि नारे लिखे तख्तियां कार्यक्रम का संदेश स्पष्ट कर रही थीं।
प्रदर्शन सभा में एक वक्ता ने बताया कि उन्नाव में ये दिलदहला देने वाला गैंगरेप हुआ है। दलित पीड़िता के परिवार को लगातार सताया गया। कानून और व्यवस्था नाम की चिड़िया उत्तर प्रदेश से फुर्र है। वहीं. महिला कार्यकर्त्री ने कहा कि सिलसिलेवार इस सामूहिक बलात्कार की घटना को पढ़िए तो रूह काँप जाती है। यूपी में अपराधियों का मनोबल ऊंचाई पर है और कानून का राज सिसक रहा है, ये देखना एक बेबसी है।
ज्ञात रहे कि 31 दिसंबर, 2021 को उन्नाव के लादखेड़ा गांव में 11 साल की एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप हुआ। 13 फरवरी, 2022 को अरुण, अमन और सतीश दुबारा से 11 वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किये। पीड़िता की माँ की शिकायत पर आरोपियों को POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। सितंबर 2022 में नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया। केस चलता रहा, इस बीच कोर्ट की दया पर आरोपियों को जमानत दे दी गई। इसी 17 अप्रैल, 2023 की रात दोनों आरोपी अपने दो अन्य साथियों के साथ नाबालिग दलित पीड़िता के घर पहुंचे। पीड़िता के अनुसार- ‘वे केस में सुलह का दबाव बना रहे थे। फिर गाली-गलौज करने लगे। पीड़िता और उसकी माँ के विरोध करने पर उनको लाठी-डंडे से पीटा। जान से मारने की धमकी दी। फिर आरोपियों ने उनके घर में आग लगा दी। आग में पीड़िता का 7 महीने का बेटा और 2 महीने की बहन गंभीर रूप से झुलस गए। बताया जा रहा है कि दोनों मासूम 40-45 प्रतिशत झुलसे हैं। इसके पूर्व आरोपी पीड़िता के पिता को भी घायल कर चुके थे। पीड़िता की तहरीर भी पुलिस के पास एफआईआर में तब्दील होने के इंतजार में है।
दख़ल ने इस प्रकरण में पुलिस, कोर्ट, मीडिया और भाजपा सरकार से न्याय की मांग की। संचालन शालिनी ने किया। प्रेरणा कला मंच की टीम ने जनवादी गीत गाये। धन्यवाद ज्ञापन इन्दु ने दिया। प्रदर्शन और सभा में सिस्टर फ़्रेंसिका, मैत्री, नीति, रैनी, वि
इन्दु पांडेय दख़ल से सम्बद्ध हैं।
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