Saturday, June 29, 2024
होमराजनीतितेलंगाना के कोडंगल विधानसभा के किसानों में असंतोष, बीआरएस-कांग्रेस के लिए आसान...

ताज़ा ख़बरें

संबंधित खबरें

तेलंगाना के कोडंगल विधानसभा के किसानों में असंतोष, बीआरएस-कांग्रेस के लिए आसान नहीं राह

कोडंगल, तेलंगाना (भाषा)। तेलंगाना के कोडंगल विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की कमी और बेरोजगारी एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है, जो 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की चुनावी किस्मत का फैसला होगा। विकाराबाद जिले में स्थित कोडंगल […]

कोडंगल, तेलंगाना (भाषा)। तेलंगाना के कोडंगल विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की कमी और बेरोजगारी एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है, जो 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की चुनावी किस्मत का फैसला होगा। विकाराबाद जिले में स्थित कोडंगल के वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों के किसान बीआरएस के नौ वर्ष के शासनकाल के बाद भी भेदभाव महसूस करते हैं, क्योंकि वे अपनी फसलों के लिए पूरी तरह से बोरवेल और प्रकृति पर निर्भर हैं। इस इलाके के लोग नौकरियों के नए अवसर सृजित नहीं करने के लिए सरकार से नाराज हैं। रोजगार के अवसर नहीं होने से युवा आसपास के शहरों में जाने के लिए मजबूर हुए हैं। बीआरएस को किसान समर्थक सरकार के रूप में जाना जाता है, लेकिन उसे इस विधानसभा क्षेत्र में किसानों के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने इन दो मुद्दों पर अपने प्रचार अभियान के दौरान में काफी जोर दिया है। यहां मुख्य मुकाबला बीआरएस और कांग्रेस के बीच है।

कोडंगल मंडल के यरमपल्ली गांव के किसान सिद्देपल्ला सैलू (35) ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि केसीआर ने पिछले नौ वर्ष में कई योजनाओं की घोषणा की लेकिन इनमें से कई लागू नहीं हुईं। हमें जुराला परियोजना (कृष्णा नदी) से पानी देने का वादा किया गया था लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है। मुझे नहीं पता कि अगर कांग्रेस जीतेगी तो पानी आएगा या नहीं लेकिन सरकार बदलनी चाहिए। मैं बदलाव के लिए वोट देने जा रहा हूं। सैलू ने 10 एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए दो बोरवेल बनवाएं हैं। उन्होंने कहा कि बारिश ठीक से नहीं होने के कारण उन्हें इस वर्ष खरीफ फसलों में भारी नुकसान हुआ है।

रामेश्वरम गांव के एक अन्य किसान अंजनया (68) ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे यहां नहर का पानी नहीं है और सभी बोरवेल पर निर्भर हैं। जुराला परियोजना से पानी लाने का वादा पूरा नहीं किया गया। हमें विश्वास तब होता जब नहरें या पाइपलाइन बिछाई गई होतीं। कोई निर्माण नहीं किया गया। बीआरएस नेता पटनम नरेंद्र रेड्डी क्षेत्र के किसानों के असंतोष से पूरी तरह से वाकिफ हैं और वह अपने प्रचार में किसानों को आश्वासन दे रहे हैं कि दोबारा चुने जाने पर वह क्षेत्र के लोगों के लिए ‘पानी और नौकरियां’ सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं दो चीजें देने का वादा कर रहा हूं- किसानों को रोजगार और सिंचाई का पानी।

रेड्डी ने प्रचार के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि इस मुद्दे पर हमारी मुख्यमंत्री से चार बार मुलाकात हो चुकी है। हमने समीक्षा की है और सरकार ने 1.49 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए पलामुरु-रंगारेड्डी योजना से पानी छोड़ने की मंजूरी दी है। हमें अदालत से इजाजत मिल गई है और काम शुरू हो गया है। निविदा की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। आने वाले वर्षों में हम पलामुरु-रंगारेड्डी योजना से हर खेत को सिंचाई का पानी देंगे।

उद्योग मंत्री के टी. रामा राव ने इस निर्वाचन क्षेत्र के बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए एक आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) पार्क और उद्योग स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं कांग्रेस ने मतदाताओं को लुभाने के लिए छह गारंटी योजनाओं की घोषणा की है और कहा है, उसने जैसे कर्नाटक में चुनावी वादे पूरे किए हैं, वैसे ही वह सभी वादे पूरे करेगी। वर्ष 2018 में बीआरएस के पटनम नरेंद्र रेड्डी ने दो बार के तेलगूदेशम पार्टी (तेदेपा) विधायक रेवंत रेड्डी को 9,319 मतों के अंतर से हराकर पहली बार कोडंगल सीट जीती थी। निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़े के मुताबिक कोडंगल में 2.36 लाख मतदाता हैं।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय खबरें