रांची। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई जैसे संस्थाएं पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर अपने खिलाफ विपक्ष की ओर से उठने वाली आवाज और विरोधियों के स्वर को दबाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और सीबीआई का सहारा लेते रहते हैं। इसी कड़ी में कल झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करेगी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निर्धारित पूछताछ की पूर्व संध्या पर कई आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ रांची में मार्च निकाला।
पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, ‘सरना’ धर्म के झंडों और सोरेन के पोस्टर लेकर सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने रांची के मोरहाबादी मैदान से मार्च निकाला और ईडी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इन पोस्टरों पर लिखा था, ‘आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान करना बंद करो।’
प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के समीप भी प्रदर्शन किया और धमकी दी कि अगर ईडी ने सोरेन के खिलाफ अपनी कार्रवाई बंद नहीं कीं तो वे झारखंड में एक और ‘उलगुलान’ (विद्रोह) करेंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में ईडी द्वारा जारी सात समन में पेश नहीं हुए थे। इसके बाद जांच एजेंसी ने मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री से 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच उपलब्ध रहने को कहा था, जिसके जवाब में सोरेन ने ईडी को 20 जनवरी को उनके आवास पर बयान दर्ज कराने की बात कही थी।
आदिवासी संगठन केंद्रीय सरना समिति (केएसएस) के केंद्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिशा-निर्देशों पर जानबूझकर मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है।
तिर्की ने कहा, ‘भाजपा शासित राज्यों में ईडी क्यों चुप है? क्या उन राज्यों में भ्रष्टाचार नहीं है? यह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने की साजिश है।’
उन्होंने कहा कि इससे पहले जब ईडी ने मुख्यमंत्री को बुलाया था तो वह एजेंसी के कार्यालय गए थे और उनसे करीब आठ से नौ घंटे तक पूछताछ चली थी। तिर्की ने कहा, ‘अगर ईडी हमारे आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान करना जारी रखेगी तो झारखंड में एक और उलगुलान होगा।’
बहरहाल, जो भी किसी राजनेता के पीछे ईडी और सीबीआई को लगाने के पीछे की मंशा से सभी लोग भली-भांति वाकिफ हैं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है इस प्रकार की कार्रवाईयों में और तेजी देखने को मिले तो आश्चर्य की बात नहीं होगी।




