असंगठित कर्मकार कल्याण बोर्ड की 31 जुलाई को हो रही बैठक की बातचीत और निर्णय के आलोक में आगामी 1 अगस्त को आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए असंगठित मजदूरों का सम्मेलन डीएलसी कार्यालय लखनऊ में होगा। यह निर्णय असंगठित मजदूरों के साझा मंच की एटक कार्यालय पर हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता एटक के जिलाध्यक्ष रामेश्वर यादव और संचालन टीयूसीसी के प्रदेश महामंत्री प्रमोद पटेल ने किया।
बैठक में प्रस्ताव लेकर कहा गया कि प्रदेश में 8.5 करोड़ पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बीपीएल श्रेणी की तरह ही लाभार्थी की श्रेणी में शामिल किया जाए। इन श्रमिकों को आवास, आयुष्मान कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति, मृत्यु एवं दुर्घटना बीमा और अंत्येष्टि राशि आदि योजनाओं का लाभ दिया जाए। बैठक में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 21, 39 व 41 के तहत हर नागरिक के गरिमा पूर्ण जीवन की गारंटी सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिए हैं और उसी के आदेश पर ई श्रम पोर्टल का निर्माण हुआ और देशभर में करोड़ों श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। दुखद यह है कि पंजीकरण के बाद आज तक इन श्रमिकों के लिए किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना को शुरू नहीं किया गया है। हालत यह है कि 2008 में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून का निर्माण किया गया लेकिन सभी सरकारों ने इसे विफल कर दिया। इस पर प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, यह संकल्प बैठक में लिया गया। बैठक में एटक के प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर, यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, सीआईटीयू के प्रदेश महामंत्री प्रेम नाथ राय, सेवा की फरीदा जलीस, उदय नाथ, नवमी लाल, विकास स्वरूप, स्मिता पांडे, राम सुरेश यादव, रामनाथ मिस्त्री, बृज किशोर यादव, रमेश कश्यप, मोहम्मद अकरम, सीता, मोहम्मद सलीम, चांद बाबू, शुभम शर्मा, अमर सिंह, अमित सिंह आदि लोगों ने अपनी बात रखी।