Friday, July 5, 2024
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नेहरू की विरासत पर सरकार की सेंधमारी, संग्रहालय से हटेगा नाम

प्रधानमंत्री मोदी अपने तमाम प्रयास के बावजूद अब तक कहीं न कहीं नेहरू और गांधी के बरक्स खुद को खड़ा करने के लिए उनके नाम को गायब करने का उपक्रम रच रहे हैं। पहले गांधी और अब नेहरू की विरासत को इस तरह हथियाने या फिर उनका नाम हटाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री के साथ उनकी विचारधारा पर सवालिया निशान उठाया है। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है। राहुल ने जवाहर लाल नेहरू के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोला है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गाँधी की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले सर्व सेवा संघ को ढहाए जाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को नई दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलने का ऐलान कर दिया है। गांधी और नेहरू की विरासत को जिस तरह से खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे साफ कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने तमाम प्रयास के बावजूद अब तक कहीं न कहीं नेहरू और गांधी के बरक्स खुद को खड़ा करने के लिए उनके नाम को गायब करने का उपक्रम रच रहे हैं। पहले गांधी और अब नेहरू की विरासत को इस तरह हथियाने या फिर उनका नाम हटाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री के साथ उनकी विचारधारा पर सवालिया निशान उठाया है। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है। राहुल ने जवाहर लाल नेहरू के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोला है।

दिल्ली एयरपोर्ट से दो दिन के लिए लद्दाख जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा है कि,  ‘नेहरूजी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं’।

इससे पहले, नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी’ रखने को लेकर बीजेपी और विपक्षी दल के नेताओं के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) का नाम बदलने को लेकर केंद्र पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की आजादी की लड़ाई में जवाहर लाल नेहरू के महान योगदान को कभी छीन नहीं सकते।

अपने आधिकारिक हैंडल एक्स, पहले ट्विटर पर रमेश ने बुधवार को लिखा, ‘आज से, एक प्रतिष्ठित संस्था को नया नाम मिला। आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) बन गया है।

प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P लगा दिया है। यह P वास्तव में (Pettiness) ओछापन और (Peeve) चिढ़ को दर्शाता है।

लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी कम नहीं कर सकते। चाहे इन उपलब्धियों पर PM मोदी और उनके लिए ढोल पीटने वाले जितना हमला करते रहें।

लगातार हो रहे हमलों के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’

इस बीच, प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (पीएमएमएल) के एग्जिक्यूटिव काउंसिल के वाइस चेयरमैन ए. सूर्य प्रकाश ने कहा कि नया संग्रहालय राष्ट्र के लिए जवाहरलाल नेहरू की उपलब्धियों और योगदान को प्रदर्शित करता है, यह भी कहा कि जिन लोगों को इसके बारे में संदेह है, उन्हें इसे देखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का दौरा करने वाला कोई भी व्यक्ति देख सकता है कि कैसे हमने नेहरू, आधुनिक भारत के उनके मंदिरों, हीराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध, प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के उनके विचार और तीन मूर्ति भवन में उनके प्रधानमंत्री के रूप में 17 साल के कार्यकाल के योजना आयोग को प्रदर्शित किया है।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और पुस्तकालय का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के लिए जवाहराल नेहरू और उनका परिवार ही मायने रखता है।

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश व पीएम मोदी के बीच मूलभूत फर्क है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरूजी और उनका परिवार मायने रखता है। नरेंद्र मोदी ने म्यूजियम में देश के सभी प्रधानमंत्रियों को एक सम्मानजनक स्थान दिया है।’

शाहनवाज आलम

कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब-जब सत्ता में आई है, तब-तब उसने देश के स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को बदलने की कोशिश की है। अटल बिहारी वाजपेई के समय में जब भाजपा सरकार सत्ता में थी तो उस समय देश के संविधान की समीक्षा के लिए एक आयोग बनाने की माँग की गई थी। शाहनवाज ने आगे कहा कि संविधान स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से निकला हुआ एक दस्तावेज़ है। अटल बिहारी की ही तरह मोदी कार्यकाल में भी देश का संविधान बदलने की बात कही जा रही है। देश का संविधान बनाने में नेहरू, अम्बेडकर जैसे उन तमाम महापुरुषों ने अपना योगदान दिया है, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी है। एक तरफ भाजपा संविधान बदलने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ महापुरुषों के योगदान को मिटाने का भी प्रयास कर रही है। भाजपा ने अपने सफाई अभियान के तहत गाँधी का जो सिम्बल बनाया है इससे उनके विचारों को भी मारने की साजिश की गई है। उसी तरह नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर उनके विचारों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा को हमेशा लगता है कि उसके पास कोई बड़ा आइकन नहीं है। उनका हर नेता किसी-न-किसी आरोप में लिप्त है और यही घिनौना अतीत भाजपा का पीछा नहीं छोड़ रही है। भाजपा जब भी सत्ता में आई है उसका यह फ्रस्टेशन सामने आ जाता है। उन्होंने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं राहुल गाँधी के साथ काफी दूर तक चला था। साढ़े चार हजार किलोमीटर की इस यात्रा में लगभग दो हजार लोग यात्रा के दौरान पंडित नेहरू और महात्मा गाँधी के जैसे कपड़े पहनकर राहुल गांधी का स्वागत करने पहुँचे थे लेकिन एक भी शख्स ऐसा नहीं दिखा जो गोडसे, सावरकर या हेडगेवार बना दिखा हो। भाजपा नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलने का फैसला करके सोच रही है कि महापुरुषों का कद छोटा कर देगी लेकिन उसे यह मालूम होना चाहिए कि ऐसे फैसलों से वह अपना बौनापन साबित कर रही है।

अशोक सिंह

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रभारी अशोक सिंह ने इस मामले को लेकर कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ नाम बदलने की राजनीति तक ही सीमित रह गई है। जमीनी स्तर पर इस पार्टी का कोई काम नहीं है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर भाजपा या नरेंद्र मोदी उनकी विरासत को ख़त्म नहीं कर सकती।

बता दें, इससे पहले मध्य जून में, एनएमएमएल सोसाइटी में एक खास बैठक के दौरान इसका नाम बदलकर पीएमएमएल सोसाइटी करने का फैसला लिया गया था। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि यह तय हुआ था कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी किया जाएगा। इस विशेष बैठक की अध्यक्षता सोसाइटी के उपाध्यक्ष के नाते केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की थी।

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15 अगस्त पर किया था ऐलान

बता दें कि केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल (NMML) का नाम बदल दिया है। अब NMML का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दिया गया था। वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से भड़की हुई है। कांग्रेस नेता इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने का प्रयास बता रहे हैं।

अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार के इस कदम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि नाम बदलने की जो राजनीति हो रही है, वह दिल्ली वालों ने उत्तर प्रदेश से सीखी है। यहां इकाना स्टेडियम, जो भगवान विष्णु के नाम पर था। अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया गया। हमें इससे कोई नाराजगी नहीं है। हमें खुशी तब होती, जब उनके गांव बटेश्वर में भी एक यूनिवर्सिटी बन जाती। उनके परिवार के लोगों को और शुरुआती समय में जिन्होंने उनको राजनीति में आगे बढ़ाया, उनका भी सम्मान हो जाता।

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