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उत्तर प्रदेश में प्रधानाध्यापक ने की खुदकुशी, खंड शिक्षा अधिकारी पर मामला दर्ज

सुलतानपुर (भाषा)। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक प्रधानाध्यापक के खुदकुशी करने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, घटना के 54 घंटे बाद यानी बृहस्पतिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक कुड़वार थाना क्षेत्र के पूरे […]

सुलतानपुर (भाषा)। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक प्रधानाध्यापक के खुदकुशी करने के मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, घटना के 54 घंटे बाद यानी बृहस्पतिवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के मुताबिक कुड़वार थाना क्षेत्र के पूरे चित्ता जूनियर हाईस्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी शनिवार को अपने बेटे की तबीयत खराब होने पर छुट्टी लेकर घर आए थे। इसके बाद कुड़वार के खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव स्कूल पहुंचे थे और द्विवेदी को ड्यूटी पर न पाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी।

सूत्रों ने बताया कि इससे आहत होकर उन्होंने जहर निगल लिया था। मंगलवार को तड़के करीब तीन बजे उनकी लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। मौके पर एक ‘सुसाइड नोट’ भी मिला है। खुदकुशी करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक के परिजन ने आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कही थी।

आज सुबह जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना और पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा केवटली गांव पहुंचे और मृतक शिक्षक के परिजनों से बातचीत की।

सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों ने मृतक के बेटे ज्ञान प्रकाश द्विवेदी की शिकायत पर खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव के खिलाफ आत्महत्या के लिये उकसाने और धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। दर्ज मुकदमे की प्रति मिलने पर करीब 54 घंटे बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए कुड़वार घाट ले गये।

जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को जिलाधिकारी ने प्रकरण की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने उप जिलाधिकारी (सदर) सीपी पाठक को जांच सौंपते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव को हटाते हुए अपने कार्यालय से संबद्ध किया है।

इसी प्रकार से  उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में तैनात एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर 96 महीने (8 साल) से रुके हुए अपने वेतन की मांग करने पर अपमानित किए जाने के कारण जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बीते शुक्रवार (29 सितंबर) को बताया कि कायमगंज ब्लॉक के जब्बूपुर में सरकारी मिडिल स्कूल के शिक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी (51 वर्ष) ने बीते बुधवार 27 सितंबर को जहरीला पदार्थ खा लिया और गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि त्रिपाठी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ब्लॉक शिक्षा कार्यालय (बीईओ) के क्लर्क सुरेंद्र नाथ अवस्थी, जब्बूपुर मिडिल स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक निर्देश कुमार गंगवार और बीईओ (कायमगंज) गिरिराज सिंह ने उन्हें अपमानित किया और जब उन्होंने अपने वेतन की मंजूरी मांगी तो उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया।

पुलिस ने कहा कि शिक्षक के बेटे आशीष त्रिपाठी की शिकायत के आधार पर तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच, अवस्थी और गंगवार को निलंबित कर दिया गया है, जबकि फर्रुखाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने गिरिराज सिंह के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
आशीष ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा वेतन जारी करने के आदेश के बावजूद उनके पिता का वेतन 96 महीने से रोका गया था।

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