Monday, July 7, 2025
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सुरक्षित गर्भपात का सवाल : क्या इस चौराहे पर सरकारें सबके अधिकारों वाला मार्ग अपनायेंगी?

अमरीकी ट्रम्प सरकार ने अनेक जन स्वास्थ्य संस्थाओं पर हमला बोल दिया है। संयुक्त राष्ट्र की विश्व स्वास्थ्य संगठन हो या अमरीकी सरकार की सीडीसी (रोग नियंत्रण संस्था), आयुर्विज्ञान अनुसंधान हो या विकासशील देशों में अमरीकी पैसे से पोषित स्वास्थ्य या विकास कार्यक्रम - सब खंडित हैं या उन पर खंडित होने का ख़तरा मंडरा रहा है। बीजिंग घोषणापत्र 1995 गर्भपात का अधिकार और कानूनी रूप से बाध्य ‘सीईडीएडबल्यू’ (कन्वेंशन ऑन द एलिमिनेशन ऑफ़ ऑल फ़ॉर्म्स ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट वोमेन) तथा अन्य समझौतों और घोषणाओं में निहित वायदों का हिस्सा है तथा लैंगिक और यौनिक समानता और मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य-5 को प्राप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, फिर भी इस पर वैश्विक प्रगति संतोषजनक नहीं है। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शोभा शुक्ला का लेख। 

घटिया और नकली दवाएं दे रहीं हैं जन स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती

अक्सर गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया के अंतर्गत दवाओं के किसी बैच के सैंपल या नमूने की जाँच की जाती है कि उसमें कोई मिलावट न हो, दवाओं में ऐक्टिव फार्मास्यूटिकल एजेंट की मात्रा सही हो, आदि। परंतु गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया में प्रायः यह  जांच नहीं होती कि दवाओं की जैव समतुल्यता और स्थिरता, विभिन्न मौसम तापमान और नमी में भी सही रहती है या नहीं। गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया में यह भी पुष्टि की जानी चाहिए कि दवाएं जैव समतुल्य और स्थिर रहें।

बुनियादी सुविधाओं के अभाव में रहते हैं स्लम बस्तियों के लोग

'सबका साथ सबका विकास' यह बात कहने सुनने में अच्छी लगती है लेकिन देश के अनेक हिस्से ऐसे हैं, जहाँ बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिलता है, जिसमें ग्रामीण इलाके के साथ ही शहरों से लगी हुई स्लम बस्तियां भी हैं, जहाँ रहने वाली महिलायें और बच्चे लगातार स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इसे देखते हुए लोगों का कहना है कि सामाजिक संस्थाएं और कार्यकर्ता अपने सामूहिक प्रयास से उन बस्तियों की बुनियादी समस्यायों से निजात दिलवा सकते हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकार की अनेक योजनायें यहाँ सफल क्यों नहीं हो पाती हैं।

दवाओं के दुरुपयोग को बंद किए बिना कैसे होगी स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा?

दुनिया भर में स्वास्थ्य और दवाओं को लेकर नए नए अनुसंधान जरूर हो रहे हैं लेकिन घटिया और नकली दवाओं के कारण अनेक बीमारियाँ लाइलाज हो रही हैं। साथ ही दवा प्रतिरोधक रोग से अधिक रोगी इलाज के अभाव में मर रहे हैं। यह खतरा केवल मनुष्यों के जीवन पर ही नहीं है बल्कि मवेशियों और पशुधन पर भी बढ़ा है। वैसे भी देर हो चुकी है लेकिन सतर्कता फिर भी जरूरी है। 

सामाजिक संवाद की कड़ियाँ टूटने से अकेले पड़ते जा रहे हैं बुजुर्ग

औसत उम्र में वृद्धि होने के बाद देश में बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन सामाजिकता में लगातार कमी आई है, जिसकी वजह से बुजुर्गों में अकेलेपन की समस्या बढ़ गई है। इस बढ़ती हुई समस्या के लिए  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सामाजिक संपर्क के लिए एक आयोग की स्थापना तीन वर्षों के लिए की है। स्वास्थ्य संगठन की चिंता वाजिब है लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की सामाजिकता  से क्या हल निकल पायेगा या यह केवल खानापूर्ति ही साबित होगा।

सभी को सस्ती, बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा निकटतम दूरी पर उपलब्ध हो 

स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने के पक्ष मे हस्ताक्षर कराये गए  केंद्र एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य आयोग का गठन हो  प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन  वाराणसी...

अस्पताल की अमानवीयता और लापरवाही ने ली एक प्रतिभाशाली गायिका मोनिका की जान

किसी भी देश या क्षेत्र के विकास का मापदंड उसकी आधारभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा,रोज़गार और स्वास्थ्य सुविधाओं से नापा जा सकता है। आये दिन...

स्वस्थ और सजग भोजन व्यवस्था हृदय सम्बंधी बीमारियों को रोकने में मददगार

लखनऊ। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने हाल ही में बहुप्रतीक्षित एक स्टार रेटिंग फूड लेबल आधारित एफओपीएल विनियम को जारी करके,...

केजीएमयू थोरेसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र यादव ने कटे गर्दन को जोड़कर रचा इतिहास

विश्वविद्यालय के कुलपति ने डॉ. यादव व आपरेशन टीम को दी बधाई लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) लखनऊ के थोरेसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ....

स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीयकरण की ज़रूरत 

निजी क्षेत्र के अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य सेवाएँ सामान्यतया ग़रीब तबके की पहुँच से इतनी बाहर रहती हैं कि उनके होने न होने से...

स्वास्थ्य का अधिकार अभियान की हस्ताक्षर मुहिम

स्वास्थ्य का अधिकार अभियान एवं आशा ट्रस्ट की संयुक्त पहल पर आयोजित हस्ताक्षर अभियान के तहत महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन एवं...
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