उन्होंने यह भी कहा कि अगर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या नहीं हुई होती तो दूसरे पक्ष के लोगों की भी जान नहीं जाती। यादव ने फतेहपुर पहुंचकर प्रेमचंद यादव की पत्नी और बच्चों से मुलाकात की तथा उनके प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनकी हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। वहीं, इस हत्याकांड में मारे गये सत्य प्रकाश दुबे के पुत्र देवेश दुबे ने सपा अध्यक्ष से मिलने से इनकार कर दिया।
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा, ‘मैं जिलाधिकारी के बयान को मानता हूं। उन्होंने जो बात कही कि बदले की कार्रवाई में वह घटना (सत्य प्रकाश और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों की हत्या) हुई। उस समय किसके मन में क्या था, किस वजह से अंधकार छा गया। उस घटना की वजह से दूसरी घटना हुई। दोनों ही घटना गलत थी। अगर प्रेम यादव की जान न गयी होती तो (दूसरे पक्ष के) मासूमों की भी जान न गयी होती।’
उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा, ‘आखिरकार सरकार इस बात को क्यों छुपाना चाहती है कि प्रेम यादव को बुलाकर मारा गया।’
सपा अध्यक्ष ने हाल में सुलतानपुर में हुई एक डॉक्टर की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, ‘यही नहीं, आप बताइये कि सुल्तानपुर में क्या एक ब्राह्मण डॉक्टर को ड्रिल मशीन से छेद करके नहीं मारा गया। क्या उनके परिवार को बच्चों को आपने (सरकार के प्रतिनिधि) गले लगाया? ‘
प्रेमचंद यादव के घर पर बुलडोजर चलाने की जिला प्रशासन की कथित तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘बुलडोजर के पास दिमाग नहीं होता है। यदि बुलडोजर ही न्याय देने लगा तो अगली सरकार में भी यही होगा।’
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से देवरिया कांड के दोनों पीड़ित परिवारों के साथ न्याय का आह्वान करते हुए कहा, ‘मैं सोचता हूं कि योगी की परिभाषा तो यही है कि जो दूसरे के दुख को अपना दुख समझे। मुख्यमंत्री जी को किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिये। न्याय में संतुलन होना चाहिये। किसी भी घटना का राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिये। अगर इस सरकार ने पहले ही दिन से न्याय देना शुरू किया होता तो शायद यह घटना नहीं होती।’
हत्याकांड में मारे गये सत्य प्रकाश दुबे के पुत्र देवेश ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया। इस संबंध में उसने आज सुबह जिलाधिकारी को एक पत्र भी भेजा था। नतीजतन, अखिलेश यादव दुबे के घर में गए जरूर, लेकिन वहां पर उन्हें कोई व्यक्ति नहीं मिला। घर पर मृतकों की तस्वीर रखी हुई थी जिस पर उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
दुबे के मुलाकात से इनकार करने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे पता चला कि वह परिवार नहीं मिलना चाहता है। यह उसकी भावना है। हो सकता है कि यह उसके बेटे की भावना न हो कुछ ऐसे नेता होंगे, जो उसको समझा रहे होंगे कि तुम (अखिलेश यादव से) मत मिलना। उनको नीचा दिखा दो।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस परिवार (प्रेम चंद यादव) की आर्थिक सहायता करूंगा। अगर वह परिवार (दुबे परिवार) भी कहेगा तो हम उसकी भी मदद करेंगे।’
मालूम हो कि पिछली दो अक्टूबर की सुबह देवरिया जिले के रुद्रपुर स्थित फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में कथित तौर पर जमीन के विवाद को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद यादव के समर्थकों ने दूसरे पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी थी।
इस प्रकरण में सरकार प्रेमचंद यादव के घर पर बुलडोजर चलावाना चाहती थी जिसकी नोटिस भी जारी हो चुकी थी पर मामला हाई कोर्ट में जाने के बाद, कोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई होने तक बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी है। यह मामला धीरे-धीरे भाजपा बनाम सपा तथा ब्राह्मण बनाम यादव बनता जा रहा है। कई ब्राह्मण संस्थाओं द्वारा इस प्रकरण को जातीय रंग देने के बाद अब यादव संस्थाएं भी प्रेमचंद के परिवार के समर्थन में खड़ी होती दिख रही हैं।
इस प्रकरण को लेकर देवरिया में ब्राह्मण पंचायत हो चुकी है प्रतिक्रियात्मक तौर पर यादव सभाएं 22 अक्तूबर को लखनऊ में यादव महापंचायत करने जा रही हैं। कुछ यादव सभा इस पंचायत में यह प्रस्ताव भी लाने की तैयारी में हैं कि यदि यादव परिवार के साथ किसी भी रूप में अन्याय होता है तब वह पूरी तरह से ब्राह्मण समाज का बहिष्कार कर देंगे। वह किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान या संस्कार कार्यक्रमों में ब्राह्मण को नहीं आमंत्रित करेंगे।
फिलहाल देवरिया के इस मामले में सरकार ने यदि बहुत संतुलित न्याय की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया तो यह प्रकरण राज्य में जातीय विभाजन की एक लंबी रेखा खींच देगा।
देवरिया (उप्र)(भाषा)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र स्थित फतेहपुर में पिछली दो अक्टूबर को हुई छह लोगों की हत्या के सिलसिले में सोमवार को पीड़ित परिवारों के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि दोनों ही वारदात गलत हैं एवं सरकार को न्याय में संतुलन बनाते हुए दोनों ही परिवारों की मदद करनी चाहिये।