डाक्टर संदीप पांडेय ने कहा श्रेया हमारी बच्ची, माता पिता के साथ हम मजबूती से लड़ेंगे लड़ाई
राजीव यादव ने सरकार से मांग की, श्रेया के परिजनों के आरोपों को देखते हुए स्कूल के सीसीटीवी फुटेज, उसकी मौत के बाद के फोटोग्राफ और वीडियो परिजनों को उपलब्ध कराया जाए, जिससे वो तथ्यों को देख जांच सके।
आजमगढ़ की छात्रा श्रेया तिवारी के परिजनों से मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर संदीप पांडेय, जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय समन्वयक, किसान नेता राजीव यादव, अधिवक्ता विनोद यादव और अवधेश यादव ने मुलाकात की।
ज्ञात हो कि 31 जुलाई को छात्रा श्रेया तिवारी ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। छात्रा के परिजनों ने इस प्रकरण में स्कूल की प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और क्लास टीचर पर छात्रा को टार्चर करने का आरोप लगाया था और हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में यह देखा था कि छात्रा प्रिंसिपल के रूम से निकलकर सीधे छत पर गई थी, जिसके आधार पर दोनों आरोपियों को 3 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्रा कि मौत सर में गंभीर चोट लगाने के कारण हुई है। जिले के एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि जिस जगह पर छात्रा गिरी थी उस जगह पर काफी खून भी फैला था, जिसे स्कूल द्वारा पानी डालकर साफ कराया गया था। पुलिस ने इसे सबूत मिटाने का प्रयास माना था और प्रिंसिपल तथा क्लास टीचर को जेल भेज दिया था। बाद में पूरा केस विवेचना के लिए मऊ ट्रांसफर कर दिया गया जहां एक ही दिन में दोनों आरोपियों को 9 अगस्त को जमानत मिल गई। आरोपियों को इस तरह से रिहा किए जाने से छात्रा के परिजन काफी नाराज हैं।
दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के विरोध में स्कूल संघ ने जहां एक दिन का स्कूल बंद रखा था वहीं अभिभावक संघ ने इस बंद पर आपत्ति दर्ज कराई थी। छात्रा की माँ ने लोगों से अपील की थी कि स्कूल के इस तरह के व्यवहार के खिलाफ एकजुट हों, आज उन्होंने अपनी बेटी खोई है कल किसी और माँ को यह दिन न देखना पड़े इसलिए आरोपियों को सजा दिलाने में हमारा साथ दें।
मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर संदीप पांडेय ने श्रेया तिवारी के परिजनों से मुलाकात करने के बाद कहा कि ‘परिजनों के साथ हम मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे। मोबाइल रखना कोई अपराध नहीं, अपराध तो वह है जो एक बच्ची को कमरे में बंद कर टार्चर किया गया। जिस भी प्रिंसिपल और टीचर के टार्चर से बच्ची की जान गई वह दोषी हैं। दोषियों को किसी प्रकार के संरक्षण से उनका मनोबल बढ़ेगा और इसी तरह हम अपने बच्चों की लाश देखेंगे। विधानमंडल में स्कूल के पक्ष में जिस तरह सवाल उठा उसने साबित कर दिया कि निजी स्कूलों के नाम पर यह गिरोह संचालित हो रहे हैं। सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों के स्कूल कालेज हैं इसलिए वे श्रेया के इंसाफ के खिलाफ हैं। इनको शर्म आनी चाहिए क्या इनके बच्चे नहीं हैं। ये जनता का वोट लेकर सदन में अपराधियों के साथ खड़े होकर इंसाफ का गला घोंट रहे हैं। जब तक समान शिक्षा प्रणाली लागू नहीं होगी इसी तरह ये बच्चों का कत्ल करते रहेंगे।’
किसान नेता राजीव यादव ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर संदीप पाण्डेय के साथ छात्रा श्रेया के परिजनों से मुलाकात की गई। बच्ची के माता पिता से देर तक बात हुई। वो इसे हत्या मानते हैं। आज भी उसकी हर छोटी छोटी बातों को याद कर वह भावुक हो जाते हैं। परिजनों का बुरा हाल है। बच्ची की मां के बयानों से लगा कि घटना के साक्ष्यों को कमजोर किया जा रहा है। श्रेया की मौत के बाद जिस तरह से परिवार को गुमराह किया गया, उनपर धौंस जमाया गया, घटना स्थल को धुलवा दिया गया वो स्कूल प्रशासन के आपराधिक भूमिका को साफ करता है। श्रेया के परिजनों के आरोपों को देखते हुए स्कूल के सीसीटीवी फुटेज, उसकी मौत के बाद के फोटोग्राफ और वीडियो परिजनों को उपलब्ध कराया जाए। जिससे वो तथ्यों को देख जांच सके।