सूरी (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में लोगों के आधार कार्ड को ‘निष्क्रिय’ कर रही है, ताकि उन्हें उनके बैंक खातों के माध्यम से राज्य सरकार की विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ न मिल सके।
यहां बीरभूम जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भुगतान करना जारी रखेगी, भले ही किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड न हो।
बनर्जी ने कहा, ‘सावधान रहें, वे (भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र) आधार कार्ड को निष्क्रिय कर रहे हैं। बंगाल के कई जिलों में कई आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं ताकि चुनाव से पहले लोगों को बैंकों के माध्यम से भंडार लक्ष्मी योजना और मुफ्त राशन का लाभ न मिल सके।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन, हम योजनाओं के लाभार्थियों को भुगतान करना जारी रखेंगे, भले ही उनके पास आधार कार्ड न हो। एक भी लाभार्थी प्रभावित नहीं होगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुख्य सचिव को मेरा स्पष्ट निर्देश है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग आधार कार्ड न होने पर भी लाभ से वंचित न हों। बंगाल के लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वी बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 लोगों और बीरभूम, उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के साथ-साथ उत्तर बंगाल में कई अन्य लोगों के आधार कार्ड ‘निष्क्रिय’ कर दिए गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘अगर मुझे पता चलता है कि आधार कार्ड को निष्क्रिय करने के पीछे उनका (भाजपा नीत केंद्र) एक छिपा हुआ एजेंडा है, तो मैं एक भी योजना को इस दस्तावेज से जोड़ने की अनुमति नहीं दूंगी।’
बनर्जी ने मुख्य सचिव को एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने का भी निर्देश दिया, जहां ऐसे लोग अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें, जिनके आधार कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बैंक आधार कार्ड के बिना ग्राहकों को लेनदेन की अनुमति नहीं देते हैं, तो सहकारी बैंक एक विकल्प हो सकते हैं
अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की गारंटी की मांग को लेकर हरियाणा, पंजाब में किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि बंगाल में किसानों को कोई समस्या नहीं है।