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ग्राउंड रिपोर्ट

मिर्ज़ापुर के डीज़ल कटिंग सिंडीकेट : क्या पुलिस के लंबे हाथ इन्हें दबोच पाएंगे

मिर्ज़ापुर जिले के अहरौरा थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से डीजल कटिंग के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। भारी मात्रा में डीजल की बरामदगी के साथ कई टैंकरों को भी सीज किया है। यह कारोबार वर्षों से चल रहा है। सोनभद्र जिले से लेकर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की कई बड़ी परियोजनाओं में डीज़ल आपूर्ति होती है। एनटीपीसी, रिहंद, एनसीएल, बीना परियोजना, ककरी, जयंत, अमलोरी सहित कई बड़ी परियोजनाओं के चलते यह इलाका डीज़ल कटिंग कारोबार से जुड़े हुए लोगों के लिए काफी मुफीद रहा है। यहाँ उनकी मजबूत पकड़ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ वर्ष पूर्व सोनभद्र में एक टीवी चैनल के रिपोर्टर ने अपने कुछ साथियों के साथ जब इस कारोबार का खुलासा किया था तो पुलिस ने कार्रवाई के बजाए उलटे मीडियाकर्मी पर ही झूठे केस में फंसा दिया था।

बहुत सख्त दिखाई देनेवाली सरकारों और प्रशासन की नाक के नीचे अक्सर समानान्तर व्यवस्थाएं चलती नज़र आती हैं। यह अलग बात है कि किसी न किसी दिन उनका भी मुलम्मा उतरता ही है लेकिन यह सवाल फिर भी बाकी रहता है कि क्या आगे से ऐसी व्यवस्थाएं इतिहास की चीज बन जाएंगी? अभी बलिया जिले में वाहनों से अवैध वसूली के खुलासे की खबर की हेडिंग पतली भी नहीं हो पाई थी कि मिर्ज़ापुर जिले में वर्षों से चल रहे डीज़ल कटिंग सिंडीकेट के भंडाफोड़ ने अखबारों को नया मसाला दे दिया।

मिर्ज़ापुर पुलिस ने लंबे समय से अबाध रूप से संचालित होते हुए आए डीज़ल कटिंग के अवैध कारोबार पर छापा मारकर कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया। चंदौली जनपद के अलीनगर से होते हुए वाराणसी, मिर्ज़ापुर और सोनभद्र तक जड़ें जमाए डीजल कटिंग का कारोबार दशकों पुराना है। बताया जाता है कि इसकी जड़ें इतनी गहरी हैं कि अब तक पुलिस इसके सरगना की बजाय चंद छुटभैये गुर्गों की गिरफ़्तारी से संतोष कर लिया करती थी लेकिन इस बार मामला बिलकुल अलग है।

अहरौरा थाना और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से डीजल कटिंग के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। भारी मात्रा में डीजल की बरामदगी के साथ कई टैंकरों को भी सीज किया है। पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन द्वारा जनपद में शांति एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने तथा अपराध की रोकथाम एवं अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाये जा रहे हैं। इसके तहत जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षकों और थानाध्यक्षों को अवैध क्रियाकलापों पर छापेमारी करने और दोषियों की गिरफ्तारी, अवैध सामान बरामदगी करने के निर्देश दिये गये हैं।

इसी कड़ी में अवैध डीजल कटिंग करते हुए तीन लोगों को दबोचा गया है। पुलिस के अनुसार एक टैंकर में तकरीबन 20 हजार लीटर तेल रहता है। एक टैंकर में चार चैंबर्स होते हैं, जिनमें पाइप डालकर धीरे-धीरे तेल निकाला जाता है। इससे तेल चोरी की भनक भी नहीं लगने पाती है। गिरोह के लोग तेल निकालने के बाद गांवों-कस्बों में छोटे-छोटे दुकानदारों को भी कम दामपर बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं।

गिरफ्तार टैंकर चालकों के बारे में बताते हुये पुलिस अधिकारी

बीती 27 जुलाई 2024 को अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) व क्षेत्राधिकारी (ऑपरेशन) मड़िहान के नेतृत्व में थाना अहरौरा पुलिस, एसओजी, सर्विलांस तथा खाद्य एवं रसद विभाग की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस टीम को कुछ व्यक्तियों द्वारा तेल टैंकर से डीज़ल कटिंग करने की सूचना जरिए प्राप्त हुई। सूचना पर थाना अहरौरा पुलिस, एसओजी, सर्विलांस तथा खाद्य व रसद विभाग की संयुक्त टीम ने अहरौरा के गाँव  बाराडीह स्थित टाटा वर्कशाप के पास से टैंकर चालक सुनील पटेल पुत्र बसन्त लाल पटेल, निवासी ग्राम करकोसा थाना बैढ़न जनपद सिगरौली (मध्य प्रदेश),  सूरज पुत्र अमरनाथ तथा शमीम पुत्र सलीम निवासीगण ग्राम बाराडीह थाना अहरौरा, मिर्ज़ापुर को गिरफ्तार किया। मौके से 1 तेल टैंकर संख्या  यूपी 83 T 2216, 1 ट्रैक्टर ट्राली (बिना नम्बर), 1 कार यूपी 32 ईओ 2737, 6 ड्रमों में कुल 900 लीटर डीजल, 8 खाली ड्रम तथा  1 मोटर साइकिल संख्या यूपी 67 जे 4255 बरामद की गई। उक्त गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में थाना अहरौरा में  धारा 54,111(4),287 बीएनएस व 3/7 ईसी एक्ट पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की है।

पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में बताया गया कि उन लोगों का एक संगठित गिरोह है, जो वाराणसी से सोनभद्र को जाने वाले तेल टैंकरों के चालक से सेटिंग कर डीजल को अवैध रूप से निकालता है और उसमें मिलावट कर बेचता है। पूछताछ में बड़ी संख्या में इससे जुड़े लोगों के नाम सामने आये हैं जिनकी छानबीन की जा रही है। लेकिन पुलिस ने यह नहीं बताया कि वे कब तक पकड़े जाएंगे।

अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन ओपी सिंह बताते हैं कि ‘अवैध डीजल कटिंग कारोबार गिरोह के सदस्यों के तार चंदौली जनपद के अलीनगर डिपो से जुड़े हुए हैं। गिरोह के सदस्यों का जुड़ाव टैंकर चालकों से बना रहता है जो तय समय और स्थान पर पहुंच जाते हैं जहां डीजल कटिंग को अंजाम दिया जाता है। गिरोह से जुड़े हुए लोग किसी भी कार्रवाई और छापेमारी से बचने के लिए स्थान भी बदलते रहते हैं। मिर्ज़ापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बाराडीह में यह लोग पिछले पांच माह से ईंधन कटिंग का कारोबार कर रहे थे।’

हिरासत में लिए गए टैंकर चालक सुनील कुमार ने अपने बयान में कहा है कि ‘डीज़ल कटिंग में वह लोग तो सिर्फ प्यादे होते हैं। इनका मुखिया तो कोई और होता है जो पर्दे के पीछे से बैठकर सबकुछ तय करता है।’ इस कारोबार में कई लोगों की संलिप्तता को वह स्वीकार करते सुनील ने बताया कि ‘रोजाना तकरीबन तीन से पांच हजार लीटर ईंधन निकाल लिया जाता है। जिसमें सभी का हिस्सा बंधा हुआ रहता है।’

बताते हैं कि डीजल कटिंग गैंग कोई मामूली गैंग नहीं है, बल्कि इसके लंबे हाथ हैं। चंदौली-वाराणसी से लेकर सोनभद्र तक इनका यह कारोबार फैला हुआ है। हाइवे के किनारे इनके अपने चुनिंदा स्थान होते हैं जहां इनके लोग सक्रिय होते हैं। वाराणसी-शक्तिनगर स्टेट हाइवे-5 ए पर अवैध डीजल-पेट्रोल कटिंग का धंधा वर्षों से फलता-फूलता आया है। मिर्ज़ापुर का अहरौरा थाना क्षेत्र इनका मजबूत ठौर बताया जाता है। सोनभद्र जनपद में इनका अपना एक बड़ा सिंडिकेट है। सफेदपोश से लेकर वर्दीधारियों तक एक लंबी शृंखला की संलिप्तता होती है।

सोनभद्र जिले में डीज़ल कटिंग का कारोबार गहराई तक जड़ें जमाए हुए है। सोनभद्र जिले से लेकर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की कई बड़ी परियोजनाओं में डीज़ल आपूर्ति होती है। एनटीपीसी, रिहंद, एनसीएल, बीना परियोजना, ककरी, जयंत, अमलोरी सहित कई बड़ी परियोजनाओं के चलते यह इलाका डीज़ल कटिंग कारोबार से जुड़े हुए लोगों के लिए काफी मुफीद रहा है। यहाँ उनकी मजबूत पकड़ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ वर्ष पूर्व सोनभद्र में एक टीवी चैनल के रिपोर्टर ने अपने कुछ साथियों के साथ जब इस कारोबार का खुलासा किया था तो पुलिस ने कार्रवाई के बजाए उलटे मीडियाकर्मी पर ही झूठे केस लादकर अवैध डीज़ल कटिंग के कारोबार पर पर्दा डालने का काम किया गया था।

इस बात की भी चर्चा है कि पुलिस विभाग के एक सेवानिवृत्त आलाधिकारी का इस धंधे को बढ़ाने में न केवल  बड़ा हाथ है बल्कि इसे उनका संरक्षण भी मिलता आया है। वाराणसी की एक महिला भी अवैध डीजल कटिंग कारोबार के संरक्षणकर्ताओं में बताई जाती है जो गैंग के लोगों को बचाने के लिए महिलाओं और युवतियों को ढाल बनाकर खड़ी हो जाती है। इन लोगों के खौंफ से शिकायत करना तो दूर कोई इनकी ओर झांकने की भी जुर्रत नहीं करता है।

देखना यह है कि अब चूंकि पुलिस के हाथ तीन लोग लग चुके हैं तो इससे जुड़े ‘ताकतवर’ और ‘बड़े’ सरगना तक पुलिस के हाथ कब तक पहुँच पाएंगे!

संतोष देव गिरि
संतोष देव गिरि
स्वतंत्र पत्रकार हैं और मिर्जापुर में रहते हैं।

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