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भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर विभिन्न संगठनों की आपत्ति पर बैठक करेगी नगालैंड सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा के 1600 किमी से अधिक हिस्से में बाड़ लगाने का फैसला किया है, जिससे 16 किमी तक मुक्त आवाजाही व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय और नगालैंड की सीमा म्यांमा से लगी है।   […]

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा के 1600 किमी से अधिक हिस्से में बाड़ लगाने का फैसला किया है, जिससे 16 किमी तक मुक्त आवाजाही व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय और नगालैंड की सीमा म्यांमा से लगी है।

 

कोहिमा (भाषा)। नगालैंड सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफआरएम) को खत्म करने के केंद्र के फैसले पर आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज के संगठनों के साथ बैठक करने का फैसला किया है।

फेक जिले में शुक्रवार को एक कार्यक्रम से इतर मीडियाकर्मियों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री वाई पैटन ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने आठ फरवरी को यह निर्णय लिया। बैठक की तारीख के बारे में पूछे जाने पर पैटन ने कहा कि यह जल्द आयोजित की जाएगी।

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने हाल में कहा था कि केंद्र के फैसले को लागू करने से पहले नागरिक समाज के संगठनों के साथ परामर्श की आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के कई नगा लोगों की संपत्तियां अंतरराष्ट्रीय सीमा के दूसरी ओर हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा के 1600 किमी से अधिक हिस्से में बाड़ लगाने का फैसला किया है, जिससे 16 किमी तक मुक्त आवाजाही व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय और नगालैंड की सीमा म्यांमा से लगी है। नगा राजनीतिक मुद्दे पर केंद्र के साथ बातचीत कर रहे एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

कई अन्य नगा संगठन, आदिवासी संगठन, नगा राजनीतिक समूह और मोन जिले के लोंगवा गांव के प्रमुखों ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है।

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