हम आये दिन फ़ोर्स की भर्ती देख रहे युवाओं के बीच शरीर पर टैटू या गोदना की चर्चा से दो चार होते रहते हैं। इसी बीच ओडिशा पुलिस ने पूरी बटालियन को नोटिस जारी कर पंद्रह दिन के भीतर टैटू हटाने के लिए निर्देशित किया है।
ओडिशा पुलिस ने अपनी विशेष सुरक्षा बटालियन (एसएसबी) के कर्मियों को अपने शरीर से पंद्रह दिन के भीतर टैटू हटाने के लिए कहा है। ओडिशा पुलिस ने इसके पीछे का कारण बताया है कि वर्दी पहने व्यक्ति की त्वचा पर बने ये टैटू आसानी से ध्यान खींचते हैं और इन्हें अशोभनीय और अपमानजनक माना जाता है।
हालाँकि भारत में कई समुदायों में शरीर पर गोदना छपवाना उनकी संस्कृति का हिस्सा रहा है।
भुवनेश्वर के सुरक्षा पुलिस उपायुक्त ने मंगलवार को इस आशय का आदेश जारी किया और सभी संबंधित अधिकारियों को एसएसबी के ऐसे कर्मियों की सूची तैयार करने को कहा जिनके शरीर पर ऐसे टैटू हैं जो आसानी से ध्यान खींचते हैं।
एसएसबी कर्मी मुख्यमंत्री आवास से लेकर राजभवन, राज्य सचिवालय, ओडिशा विधानसभा और उच्च न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा प्रोटोकाल का हिस्सा होते हैं। वे राज्य में वीवीआईपी और शेष भारत से ओडिशा आने वाली विशिष्ट हस्तियों को भी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
डीसीपी (सुरक्षा) ने आदेश में कहा, ‘ऐसा पाया गया है कि इकाई के बड़ी संख्या में कर्मियों ने अपने शरीर पर टैटू बनवाए हैं जो बटालियन के साथ-साथ ओडिशा पुलिस की छवि को खराब करते हैं क्योंकि ये (टैटू)आक्रामक, अशोभनीय और अपमानजनक प्रकृति के होते हैं।’
आदेश में कहा गया है, ‘इसलिए सोच समझकर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि ऐसे टैटू की अनुमति नहीं है जो वर्दी पहने हुए होने पर भी नजर आता है।’
डीसीपी ने चेतावनी भी दी कि इस आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए जो नौजवान फ़ोर्स में सरकारी नौकरी का भविष्य देख रहे हैं उन्हें शतर्क को जाना चाहिए, मेले में जायें लेकिन शरीर पर टैटू न बनवाएं।