नेहरू सहित संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहां बच्चों के खिलाफ हिंसा और शोषण को खत्म किया जाएगा। ऐसी घटनाओं के हृदय विदारक प्रभाव को स्वीकार करते हुए वैश्विक स्तर पर बच्चों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्हने बताया कि, फलस्तीन के खिलाफ इजराइली हमले में अकेले गाजा में 4,609 बच्चे मारे जा चुके हैं। गंभीर रूप से घायल और अनाथ बच्चों के चेहरों को मानवीय चेतना पर एक दाग बताया। दुनिया भर की सुधारवादी ताकतों से एकजुट होने और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
विजयन ने फलस्तीनी बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक कदम उठाने का भी आग्रह किया। बाल अधिकारों के मामले में केरल को पूरे देश के लिए एक मॉडल घोषित करने पर भी गर्व महसूस किया।
फेसबुक पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार बच्चों के खिलाफ हिंसा से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं करेगी।
तिरुवनंतपुरम (भाषा)।भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन बाल दिवस के तौर पर पूरे देश में मनाया जाता है। इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया और इजराइल के साथ चल रहे संघर्ष से प्रभावित फलस्तीनी बच्चों को इस दुर्दशा से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।
सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री ने युद्ध के बीच फलस्तीनी बच्चों की स्थिति को रेखांकित किया। उन्होंने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके पुनर्वास के लिए सामूहिक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उपलब्धता दुनिया में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। इन अधिकारों की रक्षा करना सरकारों की मौलिक जिम्मेदारी है।