शुक्ला ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा के बाद विजयवर्गीय का नाम लिए बगैर संवाददाताओं से कहा, ‘इस बार चुनाव धन बल और समाज सेवा के बीच हो रहा है। एक तरफ समर्पित कार्यकर्ता है, तो दूसरी तरफ एक ऐसा धनवान व्यक्ति है, जिसके पास गुंडों की फौज है।’
शुक्ला ने आरोप लगाया कि शहर के धार्मिक स्थल ‘पितृ पर्वत’ पर इंदौर के मतदाताओं को बुलाकर भोजन कराया जा रहा है और उन्हें ‘लालच’ दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को इस संबंध में उचित कदम उठाने चाहिए।
वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में शुक्ला ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार सुदर्शन गुप्ता को 8,163 वोट से हराया था।
दूसरी ओर, भाजपा ने 10 साल के लंबे अंतराल के बाद विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा है। राज्य के काबीना मंत्री रहे विजयवर्गीय, सूबे के भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता रहा है।
विजयवर्गीय ने इंदौर जिले की अलग-अलग सीटों से 1990 से 2013 के बीच लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीता था। उन्होंने अपना पिछला विधानसभा चुनाव 2013 में जिले की महू सीट से लड़ा था। विजयवर्गीय ने इस चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार को 12,216 वोट से हराया था।
इंदौर(भाषा)। मध्य प्रदेश की इंदौर विधानसभा सीट से चुनावी समर में उतरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कांग्रेस का टिकट मिलने पर मौजूदा विधायक संजय शुक्ला ने रविवार को कहा कि यह धन बल बनाम समाज सेवा का चुनाव है।