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रेल हादसे पर खरगे ने कहा सरकार के सुरक्षा संबंधी सारे दावे फेल

नई दिल्ली (भाषा)।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में हुए रेल हादसे में कई लोगों की मौत पर सोमवार को दुख जताया। उन्होंने दावा किया कि बालासोर ट्रेन हादसे के बाद सरकार ने सुरक्षा के जो दावे किए थे, वे हवा हो गए हैं। खरगे ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए […]

नई दिल्ली (भाषा)।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में हुए रेल हादसे में कई लोगों की मौत पर सोमवार को दुख जताया। उन्होंने दावा किया कि बालासोर ट्रेन हादसे के बाद सरकार ने सुरक्षा के जो दावे किए थे, वे हवा हो गए हैं।

खरगे ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो उत्साह नयी रेल गाड़ियों को हरी झंडी दिखाने और प्रचार करने में दिखाया जा रहा है, वह यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने में भी दिखाया जाना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना के बारे में जानकर बेहद दुख हुआ। इसमें बहुमूल्य जिंदगियां चली गईं और कई लोग घायल हो गए। खरगे ने कहा, शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से हर संभव मदद करने का अनुरोध करता हूं।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘धूमधाम और प्रचार के साथ ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का वही उत्साह रेलवे सुरक्षा और करोड़ों दैनिक यात्रियों की भलाई की दिशा में कदम उठाने में भी दिखाया जाना चाहिए।’

आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हावड़ा-चेन्नई लाइन पर रविवार को हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जबकि 50 लोग घायल हुए हैं। पूर्वी तटीय रेलवे (ईसीआर) के अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम सात बजे के आस-पास विशाखापत्तनम से लगभग 40 किलोमीटर दूर कांतपल्ले में पलासा पैसेंजर ट्रेन ने रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उसके तीन डिब्बे पटरी से उतर गए।

दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिकाएं खारिज कीं

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज कर दीं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी।

पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में दायर सिसोदिया की दो अलग-अलग नियमित जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। उच्चतम न्यायालय ने 17 अक्टूबर को दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को ‘घोटाले’ में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी (आप) नेता तब से हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उप मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री रहने के कारण वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में उन्हें जमानत देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं।

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, नयी नीति के तहत थोक विक्रेताओं का मुनाफा पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया था। एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि नयी नीति के परिणामस्वरूप गुटबंदी हुई और धन लाभ पाने के लिए शराब लाइसेंस देने में अयोग्य लोगों को लाभ दिया गया। दिल्ली सरकार और सिसोदिया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और नयी नीति से दिल्ली के राजस्व हिस्से में वृद्धि का दावा किया है।

 

धरना प्रदर्शन खत्म होने के बाद दिल्ली में गाजीपुर सीमा के पास यातायात बहाल

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय राजधानी में गाजीपुर सीमा के पास जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के धरना प्रदर्शन के कारण कई घंटे तक प्रभावित रहा यातायात सोमवार सुबह बहाल हो गया। अधिकारियों ने बताया कम से कम 200 लोगों ने रविवार को गाजीपुर सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग नौ और 24 को जाम कर दिया था। गाजियाबाद की दिशा में धरना प्रदर्शन के कारण दिल्ली से उत्तर प्रदेश में यातायात देर रात तक प्रभावित रहा। उन्होंने आगे बताया ‘सोमवार सुबह प्रदर्शन खत्म होने के बाद यातायात बहाल हो गया।’

 

संरा के प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत की अनुपस्थिति का ‘कड़ा विरोध’ करती है कांग्रेस सोनिया

नई दिल्ली (भाषा)।  कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी इजराइल-हमास संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र के हालिया प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत के अनुपस्थित रहने का ‘कड़ा विरोध’ करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमास के हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की है तथा यह त्रासदी उस समय और बढ़ गई है जब इज़राइल उस आबादी से बदला लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है। उन्होंने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में लिखे एक लेख में यह भी कहा कि उनकी पार्टी का लंबे समय से यह रुख रहा है कि इज़राइल के साथ सह-अस्तित्व में एक संप्रभु, स्वतंत्र और सुरक्षित फलस्तीन राष्ट्र के लिए सीधी बातचीत हो। सोनिया गांधी ने कहा ‘मानवता अब इम्तिहान के दौर से गुजर रही है’।

उन्होंने कहा, ‘इजराइल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से दुखी हुए थे। अब हम सभी इजराइल की असंगत और समान रूप से क्रूर प्रतिक्रिया से दुखी हो गए हैं। हमारी सामूहिक अंतरात्मा के जागने से पहले और कितनी जानें जाएंगी?’ उन्होंने आगे कहा कि ‘सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इज़राइल पर एक क्रूर हमला किया, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए और 200 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि जान गंवाने वालों में से ज्यादातर आम नागरिक थे।’

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने कहा, ‘इजराइल के लिए अभूतपूर्व, अप्रत्याशित यह हमला विनाशकारी था। कांग्रेस का दृढ़ता से मानना ​​है कि सभ्य दुनिया में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और अगले ही दिन हमने हमास के हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की।’

सोनिया गांधी ने कहा कि यह त्रासदी गाजा में और उसके आसपास इजराइली सेना के ‘अंधाधुंध अभियानों’ के कारण और बढ़ गई है, जिसके चलते बड़ी संख्या में निर्दोष बच्चों, महिलाओं और पुरुषों सहित हजारों लोगों की मौत हो गई है।’ उन्होंने कहा, ‘इज़राइल की ताकत अब उस आबादी से बदला लेने पर केंद्रित है जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है। ‘ इजराइल-फलस्तीन पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि न्याय के बिना शांति नहीं हो सकती।

सोनिया गांधी ने कहा कि डेढ़ दशक से अधिक समय से इजराइल की निरंतर नाकेबंदी ने गाजा को 20 लाख निवासियों के लिए ‘खुली हवा वाली जेल’ में बदल दिया है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत की अनुपस्थिति का कड़ा विरोध करती है, जिसमें गाजा में इजराइली बलों और हमास के बीच ‘तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम के लिए शत्रुता को समाप्त करने’ का आह्वान किया गया था।’

भारत पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने’ के शीर्षक वाले जॉर्डन के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा। इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने उस प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष-विराम का आह्वान किया गया है, ताकि शत्रुता समाप्त हो सके।

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