आजमगढ़। कल एक जनवरी की रात फिर से आजमगढ़ के किसान नेता राजीव यादव के घर पर देर रात पुलिस का आना और पूछताछ के नाम पर उनके घर के लोगों का विभिन्न प्रकार से उत्पीड़न करना यह सब भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के इशारे पर हो रहा है। राजीव ने मंदुरी से उड़ान संबधी निरहुआ के बयान को फर्जी करार देते हुए बताया था कि प्रधानी से प्रधानमंत्री तक के चुनाव में कब कब एयरपोर्ट को लेकर झूठे बयान दिए गए।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव की संपत्ति और बैंक का ब्योरा लेने वाली योगी की पुलिस की संपत्ति और बैंक खातों की जांच किसान जिस दिन कर देंगे उस दिन निरहुआ सरीखे भाजपा सांसद समेत पुलिस अधिकारियों से जेलें भर जाएंगी। राजीव ने सवाल उठाया कि भाजपा सांसद निरहुआ एयरपोर्ट को लेकर झूठी बयानबाजी करते हैं तो इस प्रकरण को लेकर निरहुआ की जांच के बजाए राजीव यादव की जांच पुलिस करने लगी।
किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि जब हम किसानों के हक की आवाज उठाते हैं तो पुलिस हमारे पीछे पड़ जाती है। जल्द ही भाजपा नेताओं और प्रशासन के लोगों से उनकी जायदाद की मापी किसान मजदूर भी करेगा। ईडी-सीबीआई वाली सरकार को जानना चाहिए कि समाजवादी मूल्यों वाले किसान नेता राजीव यादव के पास घर तक नहीं है। सरकारी सुविधाएं देने के बजाय यह सरकार तमाम प्रकार से उनका उत्पीड़न,शोषण कर रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव ने कहा कि चुनाव के नाम पर राजीव यादव का वेरिफिकेशन करने वाली पुलिस बताए कि उसको किसने यह जिम्मेदारी दी और किन-किन भाजपा नेताओं का उसने वेरिफिकेशन किया। राजीव 2022 निजामाबाद विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनका ब्योरा सरकार के पास है, अब कौन सा ब्योरा पुलिस को चाहिए। पुलिस की इस तरह की पूछताछ से राजीव की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठते हैं, क्योंकि इसके पहले भी कई बार गैरकानूनी तरीके से उन्हें उठाया गया है।
पुलिस कहती है कि आप पॉलिटिकल हैं आप पर निगाह रखने और जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया है। आखिर किसके आदेश पर यह हो रहा। इस तरह की निजी जानकारियां लेना और देर रात पुलिस का घर जाना एक किसान नेता पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा ही तो है लेकिन भाजपाइयों को यह नहीं पता कि किसानों का यह नेता किसानों के लिए अपनी जान भी दे देगा लेकिन इनके सामने झुकेगा नहीं।
वीरेंद्र यादव ने कहा कि इसके पहले जब आजमगढ़ वालों के खिलाफ हेट स्पीच देते हुए निरहुआ ने आजमगढ़ वालों को ऊपर पहुंचाने यानी हत्या, घुटना पंचर करने यानी हिंसा और जेल में ठूंस देने यानी कानून का दुरुपयोग करने की धमकी दी तो आजमगढ़ के एसपी से मिलकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। निरहुआ पर मुकदमा न दर्ज कर किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव को वाराणसी से आते वक्त एसटीएफ ने उठा लिया और निरहुआ से समझौता करने का दबाव बनाया। इसके बाद मुझे और राजीव को कंधरापुर के करीब से फिर से उठाने का प्रयास किया गया पर आंदोलनकारी महिलाओं और आम जनता के आने के बाद अपहरणकर्ता भाग खड़े हुए। इन मामलों को लेकर एफआईआर के लिए तहरीर दी गई पर आज तक दर्ज नहीं हुई। इसके उलट राजीव के अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पर महिला आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
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