कोलकाता। महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं की जांच के लिए जा रही पश्चिम बंगाल के संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम को 70 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिंह रेड्डी के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग के छह सदस्यों को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया।
फैक्ट फाइंडिंग टीम में शामिल
छ सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम में पटना के पूर्व न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओ पी व्यास एवं भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी शांति भंग करने के आरोप में छह लोगों को हिरासत में लेकर एक वाहन में ले जाया गया था लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संदेशखाली के कुछ हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए उनके काफिले को बसंती राजमार्ग पर भोजेरहाट क्षेत्र में ही रोक दिया, जो संदेशखाली से लगभग 52 किलोमीटर दूर है।
फैक्ट फाइंडिंग टीम ने दी प्रतिक्रिया
फैक्ट फाइंडिंग टीम को रोक लिए जाने पर टीम में शामिल सदस्यों ने विरोध करते हुए वहीं धरना पर बैठ गए। उन्होने कहा कि सरकार संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार और जमीन हड़पने के मामले को छुपाना चाहती है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां को बचाना चाहती है। संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी के नेताओं पर यौन शोषण और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस जानबूझकर टीम को रोककर मुश्किलें पैदा कर रही है।
एल नरसिम्हा रेड्डी ने कहा, यह पूरी तरह से अवैध है। हमने पुलिसकर्मियों से कहा है कि कानून का पालन करने वाले नागरिक के नाते हम नियम नहीं तोड़ेंगे। संदेशखाली में कोई कर्फ्यू नहीं लगा है। इसलिए हम दो समूहों में जा सकते हैं। हमारी कम से कम दो महिला सदस्यों को उन महिलाओं से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए] जिन्हें राजनीतिक संरक्षण का लाभ ले रहे बाहुबलियों के अत्याचारों का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
एल नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में टीम के सभी सदस्य पूर्व आईपीएस अधिकारी राजपाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओ पी व्यास एवं भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक सड़क के किनारे बैठ गए और आगे जाने पर अड़े रहे।
वर्ष के शुरुआत से ही संदेशखाली चर्चा में है
वर्ष के आरंभ में ही 5 जनवरी को संदेशखाली में टीएमसी के नेता शाहजहां शेख केखिलाफ राशन स्केम की जांच के लिए ईडी का पहुंची थी। गाँव वालों ने ईडी की टीम पर हमला कर भगा दिया था। बाद में नेता फरार हो गए। श्र्त्थानीय महिलाओं ने शाहजहां पर जमीन हड़पने और यौन शोषण का आरोप लगाया है। राज्य सरकार को भी सैकड़ों लिखित शिकायतें मिलीं।
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