नई दिल्ली (भाषा)। चीन से फंडिंग लेकर उसके पक्ष में खबर चलाने के आरोपों में घिरे न्यूजक्लिक समाचार पोर्टल के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। दोनों की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद आज दिल्ली पुलिस ने उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था। अदालत ने यह निर्णय लेते हुए उन्हें दो नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
दोनों आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर बुधवार को अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने 10 अक्टूबर को अदालत से दोनों आरोपियों को जेल भेजने का अनुरोध किया था। उसने कहा था कि बाद में दोनों से हिरासत में आगे की पूछताछ की मांग की जा सकती है।
Newsclick Row: Delhi Court sent Prabir Purkayastha and Amit Chakravarty to custodial remand till November 2, 2023. They were arrested by the Special Cell of Delhi Police under the anti-terror law UAPA following allegations that News Portal NewsClick received huge money for…
— ANI (@ANI) October 25, 2023
पुलिस ने बुधवार को अदालत से कहा कि वह कुछ गवाहों और आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है। उसने कहा कि वह उनसे कुछ उपकरणों के संबंध में भी पूछताछ करना चाहती है, जिनकी जांच कर डेटा निकाला गया है।
पुरकायस्थ की तरफ से पेश वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने पुलिस रिमांड संबंधी याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि इसमें कोई नया आधार नहीं है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गत तीन अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी के मुताबिक, ‘न्यूजक्लिक’ को ‘भारत की संप्रभुता को बाधित करने’ और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से बड़े पैमाने पर धन मिला था।
समाचार पोर्टल पर यह भी आरोप है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नाम के एक समूह के साथ साजिश रची थी।
प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। दोनों को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए पैसे मिले हैं। खबर के मुताबिक, अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम ने न्यूजक्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए धन दिए।