दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सत्ता में बैठे अन्य लोगों को भगवान राम का यह संदेश याद रखना चाहिए कि सत्ता सदा नहीं रहती और अहंकार चूर-चूर हो जाता है।
प्रियंका गांधी ने इस बात का जिक्र किया कि वह बचपन में अपनी दादी इंदिरा गांधी के साथ रामलीला मैदान में कई रामलीला मंचन की साक्षी बनीं। उन्होंने बताया इंदिरा गांधी ने उन्हें भगवान राम के जीवन और उनके संदेश के बारे में बताया।
उन्होंने दावा किया, ‘आज जो लोग सत्ता में हैं, वो अपने आपको रामभक्त कहते हैं। मुझे लगता है कि वो कर्मकांड में उलझ गए हैं और दिखावे में लिप्त हो गए हैं। इसलिए उन्हें यह याद दिलाना जरूरी है कि हजारों साल पुरानी गाथा क्या थी।’
भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, उनके पास सत्ता नहीं थी, संसाधन नहीं थे, उनके पास तो रथ भी नहीं था। रथ रावण के पास था, संसाधन रावण के पास थे, सेना रावण के पास थी, वो तो सोने की लंका में रहता था।
भगवान राम के साथ आशा थी, आस्था थी, प्रेम था, परोपकार था, विनम्रता थी, धीरज था, साहस… pic.twitter.com/ZaBj1QjwFF
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 31, 2024
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता और संसाधन नहीं था। रथ, सत्ता और संसाधन रावण के पास था। वह सोने की लंका में रहता था। भगवान राम के पास सत्य था।’
प्रियंका गांधी ने अपने सम्बोधन के अंत में इंडिया गठबंधन की पांच सूत्री मांगों को रखा, ‘पहली मांग, भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए। दूसरी मांग, चुनाव आयोग को चुनाव में हेरा-फेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी राजनीतिक दलों के ख़िलाफ़ इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई द्वारा की जाने वाली बलपूर्वक कार्रवाई को रोकना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘तीसरी मांग, हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल को तत्काल रिहा किया जाए। चौथी मांग, चुनाव के दौरान विपक्षी दलों का आर्थिक रूप से गला घोटने की ज़बरन कार्रवाई तुरंत बंद हो। पांचवी मांग, चुनावी बॉन्ड के ज़रिए भाजपा द्वारा की गई ज़बरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच हो। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी बनाई जाए।’