राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली, जिसके चलते उन्हें तुरंत ही सबके प्रिय और बड़े नेता बन जाना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अपने को साबित करने के लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह झोंक दिया। 2014 के बाद भाजपा ने गोदी मीडिया के माध्यम से पूरी तरह से उन्हें एक कमजोर, अपरिपक्व और नासमझ नेता बताते हुए प्रचार-प्रसार किया। राहुल ने हार नहीं मानी। जनता के बीच लोकप्रिय होने के साथ ही, सड़क से संसद तक अपने को साबित किया।
विगत कई जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ तथ्यहीन बातें की हैं क्या वह उनकी संभावित हार और अपने विकास कार्यों के प्रति जनता के अविश्वास का नतीजा है। आखिर वह क्यों इतनी अनर्गल और सांप्रदायिक बातें कर रहे हैं?
महारैली में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और भाजपा को राम का संदेश देते हुए कहा कि भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता और संसाधन नहीं था। रथ, सत्ता और संसाधन रावण के पास था। वह सोने की लंका में रहता था। भगवान राम के पास सत्य था।
यह बड़े ही दुख की बात है कि राजनीति का मूल काम लोकतंत्र की रक्षा व जनता की समस्याओं को मज़बूतो के साथ हल करना है किंतु हो इसका उलट रहा है। राजनीति को न लोकतंत्र की चिंता है और न जनता की चिंता, अगर कुछ चिंता है तो वह बस सत्ता पर बने रहने की है।
सूरजपुर में अखिल भारतीय किसान सभा का पाँचवाँ सम्मेलन 2 और 3 मार्च को सम्पन्न हुआ। जहां राज्य में खेती-किसानी की समस्याओं पर चर्चा किया और एक वैकल्पिक नीति के आधार पर किसान आंदोलन को व्यापक बनाने और संगठन को मजबूत करने के बारे में फैसला हुआ।
दो लाख आबादी वाले संदेशखाली की घटनाओं का राजनैतिककरण में भाजपा ने पूरा दम लगा दिया है। मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों और राज्यपाल तक ने इसका संज्ञान लिया। लेकिन आज से 22 वर्ष पहले हुए गोधरा के दंगों को भूल जाते हैं जबकि उन दिनों मोदी खुद वहाँ मुख्यमंत्री थे। दंगे में हजारों लोगों का कत्ल हुआ, घर जला दिये गए। महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ।
मोदी सरकार की गारंटी का डंका इतना बज रहा है कि लगातार उन पर परोक्ष हमले जारी हैं, चाहे किसान आंदोलन हो, एलेक्टरोल बॉन्ड पर कोर्ट का फैसला हो, चंडीगढ़ का मेयर चुनाव के फैसले पर बाजी पलटी हो, या फिर गूगल के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल जैमिनी हो, जिसने मोदी के फासीवादी होने के सवाल का जवाब दिया..सभी जगह उनकी पोल खोलते हुए डंका बज रहा है
कोझिकोड (भाषा)। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने फलस्तीन के समर्थन में बृहस्पतिवार को कोझिकोड जिले में एक रैली निकाली। फलस्तीनी लोगों के साथ...