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वाराणसी : कैंट स्टेशन के PHC का प्राइवेट अस्पतालों से ‘एमओयू’ खत्म हो जाने से रेलकर्मी परेशान

वाराणसी। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के कैंट रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों के लिए बनाए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिले के दो निजी अस्पतालों का करार (एमओयू) खत्म कर दिया गया है। बीते जून माह में हुए इस निर्णय से कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि इतने माह […]

वाराणसी। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के कैंट रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों के लिए बनाए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिले के दो निजी अस्पतालों का करार (एमओयू) खत्म कर दिया गया है। बीते जून माह में हुए इस निर्णय से कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

बताया जा रहा है कि इतने माह बीत जाने के बाद भी आज तक इस समस्या पर सम्बंधित विभागों द्वारा कोई पहल नहीं की गई है। कर्मचारियों के स्वास्थ्य को देखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र के बगल में एईएन कॉलोनी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया है। ताकि स्वास्थ्य सम्बंधित कोई समस्या होने पर कर्मचारी यहाँ अपना ईलाज करा सकें। फिलहाल, यहाँ एक चिकित्सक सहित दो फार्मासिस्ट व अन्य मेडिकल स्टॉफ रहते हैं। लेकिन रेलकर्मियों के साथ कोई गम्भीर समस्या होने पर उन्हें निजी खर्चे पर अपना ईलाज करवाना पड़ता है।

कैंट रेलवे स्टेशन के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जिले के दो अस्पतालों (शुभम और हेरिटेज) के साथ करार था। नाम न छापने की शर्त पर कुछ रेलकर्मियों ने बताया कि वर्तमान सरकार में यही दुर्दिन देखना रह गया था। अब लगता है कि सरकार अपनी सेवा मुफ्त में करवाना चाहती है। रेलकर्मी के अनुसार, कोरोनाकाल के बाद से आए दिन परिवार का कोई न कोई सदस्य बीमार हो जा रहा है। कोविड के नए वैरिएंट में तरह-तरह की बीमारियाँ हो जा रही हैं। सरकारी कर्मी होने के बावजूद हमें अपने ईलाज का खर्च खुद ही वहन करना पड़ रहा है। प्राइवेट अस्पतालों से एमओयू खत्म कर देना हमारे लिए समस्या बन गया है।

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इस बाबत नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के शाखा सचिव सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह समस्या नहीं बड़ी लापरवाही है। कर्मचारी रात-दिन एक कर विभाग के प्रति ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर गैर जिम्मेदारी निभाई जा रही है। इस एमओयू को खत्म हुए लगभग एक वर्ष होने जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई या कार्यवाही नहीं की गई है।

सुनील कुमार बताते हैं कि इस समस्या को लेकर कई बार पत्रक दिए गए हैं, लेकिन वह कहाँ जाकर रूक गई, यह पता ही नहीं चल पा रहा है। कैंट स्टेशन की पीएचसी पर कोई भी चिकित्सक उतना जानकार भी नहीं है कि उससे उचित इलाज करवाया जा सके।

वहीं, मंडल चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण मोहन ने बताया कि जून माह से शुभम और हेरिटेज हॉस्पिटल से एमओयू खत्म हुआ है। कर्मियों की समस्याओं को देखते हुए तीन नए अस्पतालों की फाइल लखनऊ मंडल को भेजी गई है। जल्द ही नया एमओयू हो जाएगा।

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