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कहानी
मुर्दों की जिज्ञासा
दो मुर्दे मस्त सोते हुए टाइम पास कर रहे थे कि तभी...
'का गुरु ये क्या शोर है!' पहला मुर्दा बोला।
'नया स्टाफ होगा!' दूसरे मुर्दे...
वास्तविक नहीं सात्विक कहानियाँ
(एक)
जुलूस निकल रहा था। भीड़ नारे लगा रही थी। बहुतों के हाथों में एक रंग के झण्डे लहरा रहे थे। जिनके हाथों में झण्डे...
सांपों की सभा
'तुम में जहर नहीं है, इसलिए तुम कमजोर हो!' सांप ने चूहे से कहा।
'जिसके अंदर जहर होता है दुनिया उसकी इज्जत करती है...उनका सिक्का...
संवेदना की एक मरी हुई नदी…
परसों अजय की बाइसवीं बरसी है। राम सुदेश बाबू गणेशी को लेकर अमवाड़ी में साफ-सुथरा करवा रहे हैं। हर वर्ष उन्हें यह दिन याद...
अभिशप्त
देश की राजनीति में हर तरफ जादू हो रहा है। कोई लटक रहा है, तो कोई लटका रहा है। कोई उछल रहा है, तो...
लात
रामनारायण पासवान के दिमाग में जैसे चील ने झपट्टा मारा हो, वह चौंक गया.. मर्डर केस में उसका नाम?  सत्तार मियाँ की हत्या... किसने...
इक्कीसवीं शताब्दी के पुरुष में भी ओथेलो मौजूद है
बातचीत का चौथा हिस्सा
जब आप कहानी लिखती हैं तो मन:स्थिति कैसी होती है। थोड़ा रचनाप्रक्रिया पर भी प्रकाश डालें? 
शुरू के दो तीन सालों को...
हमारा जंगल
एक बार की बात है, एक खूबसूरत जंगल था। उस जंगल में बहुत से छोटे से बड़े जानवर बड़े प्यार से रहते थे। एक...

