आप नेता आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें ईमेल के जरिए नोटिस भेजे जाने से एक घंटे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मीडिया में लीक कर दिया। चुनाव आयोग का नोटिस भाजपा के पास पहले कैसे पहुंच गया ?
सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में सुल्तानपुर लोकसभा सीट से संजय सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। राजनितिक जानकार कह रहे हैं कि संजय सिंह ‘आप’, सपा और कांग्रेस यानी इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इस बॉन्ड को खरीदने और भुनाने वालों की सूची जारी की। इस सूची में बॉन्ड भुनाने वालों में भाजपा का नाम सबसे ऊपर है।
नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उससे राष्ट्रीय राजधानी सरकार के अधीन अस्पतालों...
गुरुवार को अदालत ने संजय सिंह की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज की तारीख तय की थी। ईडी ने सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि सिंह को अगर जमानत दे दी गई तो वे जांच में दखलंदाजी कर सकते हैं
2024 के लोकसभा को ध्यान में रखते हुए हाल के दिनों में विपक्षी दलों द्वारा एकजुटता के लिए जो तरह-तरह के प्रयास हो रहे हैं, डीएमके द्वारा प्रायोजित सामाजिक न्याय सम्मलेन अघोषित रूप में उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसमें सामाजिक न्याय के मुद्दे पर विपक्षी एकता का खास प्रयास हुआ है। और अगर ऐसा है तो यह 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बेहद प्रभावी प्रयास है। क्योंकि इस एकजुटता का आधार सामाजिक न्याय का मुद्दा है जो तेजस्वी यादव के शब्दों में \\\'धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की भाजपाई राजनीति का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।