सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया ने जो डेटा चुनाव आयोग को दिया है उसे कल आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है।
चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार पता चलता है कि अधिकांश बॉण्ड राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं।
आयोग की साइट पर 426 पन्नों की दूसरी सूची से पता चलता है कि इलेक्टोरल बांड कैश कराने में प्रमुख राजनीतिक दलों में भाजपा सबसे ऊपर है।
जिस कंपनी ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बांड खरीदा उसका नाम फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी पर पहले कई बार प्रवर्तन निदेशालय का छापा भी पड़ चुका है।
अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच फ्यूचर गेमिंग ने 1368 करोड़ रूपये के इलेक्टोरल बांड खरीदे। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत कम्पनी की स्थापना 1991 में हुई थी। इसकी स्थापना भारत के लॉटरी किंग कहे जाने वाले सैंटियागो मार्टिन ने की थी।
निर्वाचन आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा प्रस्तुत चुनावी बॉण्ड के प्रकटीकरण’ पर विवरण दो भागों में प्रस्तुत किया है, जिसके पहले भाग में खरीदारों की सूची और दूसरे भाग में लाभार्थी दलों की सूची है।
उच्चतम न्यायालय के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में एसबीआई ने कहा कि एक अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच दानदाताओं द्वारा अलग-अलग मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे गए, जिनमें से राजनीतिक दलों द्वारा 22,030 बॉण्ड भुनाये गये।
आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बॉण्ड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।
The Info of #ElectoralBonds uploaded by EC (which they say is as recd from SBI), does not give the serial number of the bonds, which is necessary for finding who gave bond to whom. This was implicit in SC Jt. SBI affidavit said this info is recorded though in separate silos. pic.twitter.com/WTcq0pmDvR
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 14, 2024
वहीं चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी शामिल है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के कुल 28,030 चुनावी बॉण्ड बेचे गए हैं।
एडीआर के अनुसार भाजपा को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 6,566 करोड़ रुपये या 54.77 प्रतिशत का सबसे अधिक योगदान प्राप्त हुआ है, इसके बाद कांग्रेस को 1,123 करोड़ रुपये या 9.37 प्रतिशत, तृणमूल कांग्रेस को 1,092 करोड़ रुपये या 9.11 प्रतिशत का योगदान मिला है।
(भाषा के इनपुट के साथ)