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भाजपा पाठ्यक्रम बेहतर बना रही है या अपना इतिहास

स्कूली पाठ्पुस्तकें भी राष्ट्रवाद के विभिन्न संस्करणों के बीच युद्ध का मैदान बन सकती हैं। औपनिवेशिक भारत के दो उत्तराधिकारी, भारत और…
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नया सत्र आरम्भ होते ही स्कूलों में शुरू हो गया कमीशन का खेल

स्कूलों की मनमानी, किताबें बनी परेशानी, निजी स्कूल बने किताबों के डीलर तो दुकानदार बने रिटेलर... स्कूलों द्वारा तय निजी प्रकाशकों की…
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यहाँ बिखरे थर्माकोल से विचरते हुये बगुलों का भ्रम होता है

महानंदा एक्सप्रेस 3 घंटे विलम्ब से चल रही थी, सुहाने मौसम के कारण झपकी आ गयी और नींद मोबाइल की रिंगटोन बजने से खुली, बनारस से रायसाहब का फोन…
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योजनाओं और सपनों से भरा एक कवि जिसे अपने जैसे लोग कम मिले

युवा कवि और दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत सत्यवती कॉलेज में असोशिएट प्रोफेसर डॉ मुकेश मानस का निधन हो गया है। वे पिछले काफी दिनों से बीमार…
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