गाजीपुर के भाँवरकाल के किसान ज्ञानेंद्र पाँच साल पहले टमाटर, मिर्च और केले की खेती करते थे। वह बताते हैं कि कुछ सालों से मौसम हर बार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। उतनी आमदनी भी नहीं हो पा रही है कि नुकसान की भरपाई की जा सके।
राजमार्ग के अगल-बगल की जमीनों का भाव 15 से 18 लाख रुपये बिस्वा चल रहा है। इसी भाव पर आजकल निजी तौर से जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। सरकार हमें 50 हजार प्रति बिस्वा के सर्किल रेट से 4 गुणा बढ़ाकर यानी मात्र 2 लाख प्रति बिस्वा की दर से मुआवजा दे रही है। जो राष्ट्रीय राजमार्ग के लिंक मार्गों पर जमीनों के बाजार भाव से भी काफी कम है।
गाजीपुर जिले की सिधौना बाज़ार की मुख्य सड़क पिछले 8-10 वर्षों से उपेक्षा की शिकार रही है। उत्तर प्रदेश की वर्तमान बीजेपी की सरकार भले ही बारिश शुरू होने से पहले सडकों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान जारी करती है लेकिन गड्ढा मुक्ति का उसका अभियान अभी फेल ही नजर आ रहा है।