लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे बड़ा मुद्दा जातिगत जनगणना कराने का था जिसे इण्डिया गठबंधन ने बहुत मजबूती से आगे बढ़ाया है। जाति का मुद्दा आर एस एस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। क्योंकि उसे पता हैं कि जातिया अपना अधिकार मांगने लगी तो उनका हिंदुत्व बिखर जायेगा। जिसे बचाने के लिए वह तमाम संदर्भ दे रहे हैं। इसी को लेकर राम पुनियानी की रिपोर्ट।
सरकारी शिक्षण संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपने के बाद देश के प्रधानमंत्री अब आरक्षण और संविधान को ही खत्म कर देने पर तुले हुए हैं। इसके लिए भाजपा को 400 के आंकड़े को पार करना होगा। भाजपा इसमें कितना कामयाब होती दिख रही है... पढ़िए एच एल दुसाध का लेख
महारैली में राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान का संविधान देश के गरीबों को भविष्य दिया, सपने देखने का हक दिया उस संविधान को गरीब जनता के हाथ से छीनने के लिए यह मैच फिक्सिंग की जा रही है।
मूलभूत अधिकारों में समानता का अधिकार,शोषण के विरुद्ध अधिकार,धार्मिक स्वतंत्रता, संस्कृति और शिक्षा, संपत्ति और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल है। इनमें से धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था से जुड़ी स्वतंत्रता के हनन की घटनायें आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। ताजा मामला संविधान निर्माता और भारत रत्न से सम्मानित बाबा भीमराव अम्बेडकर की बार- बार तोड़ी जाती प्रतिमा और उनके विचारों से प्रभावित लोगों लोगों का है।